Pradushan Ki Atmakatha nibandh in Hindi
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प्रदूषण
प्रदूषण पृथ्वी का एक ऐसा कण है जो पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्य , जिव और जंतु सभी के लिए हानिकारक है। प्रदूषण हमारे शरीर के लिए बहूत नुकसान दायक है।
प्रदूषण हमारे देश के सभी जगह पाया जाता है, लेकिन महानगर में इसकी मात्रा ज्यादा होता है। इसका वास्तविक कारण यह है, कि हम सभी को पता है की महनागर में बहुत सारे कारखाने (फैक्ट्री) होते है और उन कारखानो से भारी मात्रा में प्रदूषण होता है।
फैक्ट्री से प्रदूषण होने का कारण यह हैं की कारखानो में काम होता है और उसका कुछ सामान ख़राब होने से इधर -उधर फेक दिया जाता है। कुछ सामान बनाने वाले कारखाने और इट बनाने वाले चिमनी को हम लोग देखते ही है की उसका धुआँ कितना ख़राब निकलता है। ये सभी कारखानो से निकलने वाला प्रदूषण होता है।
अगर हम लोग छोटे नगर या ग्रामीण क्षेत्र में देखे तो कुछ कचरा सब इधर -उधर फेक देते हैं। वही कचरा कुछ दिन बाद ख़राब हो जाता है और फिर उसकी महक भी बहुत ख़राब आने लगती है।
और उससे बहुत ज्यादा मात्रा में प्रदूषण होता है, ये हमारे आस पास के वायु को प्रदूषित कर देता है। इसी लिये सारा कचरा हम सबको एक जगह जमा करने के बाद उसे मिट्टी के अन्दर या फिर कचरा पेटी में डाल देना चाहिए, इससे हमारे आस – पास के सभी लोग सुरक्षित रहेंगे और हम भी सुरक्षित रहेंगे।
कचरा ज्यादा दिनों तक एक जगह रहने से वह सड़ने लगता है। जिस वजह से उसपर बहुत से कीड़े और विषाणु बन जाते है। ऐसे में बड़ी खतरनाक बीमारिया भी फ़ैल सकती है।
आज कल हम लोग इस चीज को बहुत अच्छे से जानते है और देखते भी है की आज समय से बारिश नहीं होती है। पहले सभी किसान अपना फसल का समय बनाये हुए थे और उन्हें पता था किस महीने में बारिश कितनी होगी .उसी अनुशार से सभी किसान अपना फसल लगते थे और उसी बारिश के पानी से अपने फसल की सिचाई करते थे। इस वजह से उन्हें अलग से पानी देने की कोई जरुरत नहीं होता थी।
लेकिन अब शायद ही कोई फसल के समय प्राकिर्तिक बारिश से किसान फसल का उब्जा कर पाते है। आज प्रदूषण के वजह से मौसम भी कभी साल में गर्मियों का ज्यादा दिनों तक रहता है तो कभी ठंडी का मौसम ज्यादा दिन तक रहता है।
कोई भी मौसम अपने समय से नहीं आता हैं और कोई भी मौसम अपने समय से ख़त्म नहीं होता है। इस सब का कारण है प्रदूषित वातावरण, जब तक हम लोग प्रदूषण को कम करने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक इन सारी समस्याओ को हमे और हमारे आने वाले पीढ़ीओ को झेलना पड़ेगा।