Purab me lohi lag gai iska aashay Kya hai
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'पूरब में लोही लग गई थी' में लोही लगने का आशय क्या है?
‘पूरब में लोही लग गई‘ में ‘लोही लगने’ से आशय सूरज की लाली से था। इसका मतलब है कि पूरब दिशा में सुबह-सुबह आसमान में सूरज की लाली छा गयी थी।
स्पष्टीकरण :
‘बालगोबिन भगत’ पाठ में लेखक वर्णन करता है कि एक दिन माघ मास की दाँत किटकिटाने वाली सुबह में बालगोबिन भगत के संगीत के स्वर सुनकर लेखक पोखर तक आ गया। उस समय आसमान में तारे नहीं बुझे थे यानि तारे नही छुपे थे।
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Explanation:
'पूरब में लोही लग गई' में 'लोही लगने' से आशय सूरज की लाली से था। इसका मतलब है कि पूरब दिशा में सुबह-सुबह आसमान में सूरज की लाली छा गयी थी। ... पूरब दिशा में लोही लग गयी थी, अर्थात पूरब दिशा में सुबह सुबह सूरज की लालिमा बिखरने लगी थी। इस लालिमा को शुक्र तारा और अधिक बढ़ा रहा था।
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