India Languages, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 2:
अधोलिखितानां पदानां लिङ्ग, विभक्तिं, वचनञ्च लिखत-
पदानि लिङ्गम् विभक्तिः वचनम्
नरस्य ............... ............... ...............
गुरूणाम् ............... ............... ...............
केयूराः ............... ................. ...............
कीर्तिम् ............... ............... ...............
भूषणानि ............... ............... ...............
Class 7 NCERT Sanskrit Chapter विद्याधनम्

Answers

Answered by nikitasingh79
64
•संस्कृत में संबोधन को छोड़कर सात विभक्तियां , 3 लिंग एवं तीन वचन होते हैं ।

विभक्तियां -प्रथमा, द्वितीया , तृतीया, चतुर्थी ,पंचमी, षष्ठी, सप्तमी , संबोधनम् ।

•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।

•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।

•संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >>  जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।

•लिंग : संस्कृत भाषा में 3 लिंग होते हैं। सामान्यता पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग में , स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द स्त्रीलिंग में तथा अन्य शब्द नपुसंकलिंग में होते हैं।

•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।

•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।

उत्तराणि : -

पदानि ---- नरस्य
लिङ्गम् ---- पुल्लिङ्गम्
विभक्ति: ---- षष्ठी
वचनम् ----- एकवचनम्‌


पदानि ---- गुरूणाम्‌
लिङ्गम् ---- पुल्लिङ्गम्
विभक्ति: ---- षष्ठी
वचनम् ----- बहुवचनम्‌


पदानि ---- केयूरा:
लिङ्गम् ---- पुल्लिङ्गम्
विभक्ति: ---- प्रथमा
वचनम् ----- बहुवचनम्‌‌


पदानि ---- कीर्तिम्‌
लिङ्गम् ---- स्त्रीलिङ्गम्
विभक्ति: ---- द्वितीया
वचनम् ----- एकवचनम्‌‌


पदानि ---- भूषणानि
लिङ्गम् ---- नपुसंकलिंग
विभक्ति: ---- प्रथमा
वचनम् ----- बहुवचनम्‌‌

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Answered by SweetCandy10
25

Answer:-

•संस्कृत में संबोधन को छोड़कर सात विभक्तियां , 3 लिंग एवं तीन वचन होते हैं ।

विभक्तियां -प्रथमा, द्वितीया , तृतीया, चतुर्थी ,पंचमी, षष्ठी, सप्तमी , संबोधनम् ।

•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।

•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।

•संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >>  जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।

•लिंग : संस्कृत भाषा में 3 लिंग होते हैं। सामान्यता पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग में , स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द स्त्रीलिंग में तथा अन्य शब्द नपुसंकलिंग में होते हैं।

•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।

•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।

उत्तराणि : -

पदानि ---- नरस्य

लिङ्गम् ---- पुल्लिङ्गम्

विभक्ति: ---- षष्ठी

वचनम् ----- एकवचनम्‌

पदानि ---- गुरूणाम्‌

लिङ्गम् ---- पुल्लिङ्गम्

विभक्ति: ---- षष्ठी

वचनम् ----- बहुवचनम्‌

पदानि ---- केयूरा:

लिङ्गम् ---- पुल्लिङ्गम्

विभक्ति: ---- प्रथमा

वचनम् ----- बहुवचनम्‌‌

पदानि ---- कीर्तिम्‌

लिङ्गम् ---- स्त्रीलिङ्गम्

विभक्ति: ---- द्वितीया

वचनम् ----- एकवचनम्‌‌

पदानि ---- भूषणानि

लिङ्गम् ---- नपुसंकलिंग

विभक्ति: ---- प्रथमा

वचनम् ----- बहुवचनम्‌‌

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