Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 2 निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए − बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।

Class 10 - Hindi - तताँरा-वामीरो कथा Page 84"

Answers

Answered by nikitasingh79
60
यह पंक्तियां तताँरा वामीरो कथा से लिया गया है इसके लेखक लीलाधर मंडलोई हैं।
यहां लेखक ने वामीरो की प्रतीक्षा करते थे तताँरा की बेचैनी को बताया है। वह समुद्री चट्टान पर वामीरो के इंतजार में खड़ा था। उसे वामीरो के आने की बहुत कम उम्मीद थी। फिर भी वह उसका इंतजार कर रहा था। वामीरो की आने की उम्मीद सूर्य अस्त के समय डूबते सूर्य की किरणों के समान थी। जिस प्रकार सूर्य अस्त में सूर्य की किरणें धीरे-धीरे समाप्त हो रही थी उसी प्रकार वामीरो के वहां आने की उम्मीद किसी भी समय समाप्त हो सकती थी।
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Answered by kevin3141
27

Answer:

तताँरा वामीरो को पहली ही नज़र में बेहद प्रेम करने लगा था। वह उसकी प्रतिक्षा में अपने जीवन की संपूर्ण आस लगाए बैठा था। तताँरा ने वामीरो से मिलने के लिए कहा और वह शाम के समय वहाँ जाकर उसकी प्रतीक्षा कर रहा था। जैसे-जैसे सूरज डूब रहा था, उसको वामीरो के न आने की आशंका होने लगी। जिस प्रकार सूर्य की किरणें समुद्र की लहरों में कभी दिखती तो कभी छिप जाती थी, उसी तरह तताँरा के मन में भी उम्मीद बनती और डूबने लगती थी। उसे लगता है कि आशा की यह किरण वामीरो के न आने पर समुद्र में डूबते सूर्य की किरणों के समान कहीं डूब न जाए।.

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