Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 3 भाव स्पष्ट कीजिए- मृदुल मोम सा घुल रे मृदु तन!

Class 10 - Hindi - मधुर-मधुर मेरे दीपक जल Page 35"

Answers

Answered by nikitasingh79
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प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियां प्रसिद्ध छायावादी कवियत्री महादेवी वर्मा द्वारा रचित कविता मधुर मधुर मेरे दीपक जल से ली गई है। इन पंक्तियों में कवियत्री ने स्वयं को दीपक के समान चला कर दूसरों को सुख प्रदान करने की भावना प्रकट की है। कवित्री का मानना है कि दूसरों को सुख प्रदान करने के लिए स्वयं को दुख देना ही पड़ता है।


व्याख्या:प्रस्तुत पंक्तियों में कवित्री कहती है कि हे मेरे दीपक तू प्रसंता  में भर कर जल । तू धूप बन कर सारे संसार में सुगंध फैला दे तथा उसे प्रकाश से भर देने के लिए अपने सुंदर शरीर को कोमल मोम की तरह घोल दें। दीपक धीरे-धीरे मोम की तरह पिघल का प्रकाश फैलाता है वैसे ही मनुष्य को भी स्वयं का बलिदान कर संसार का कल्याण करना चाहिए।

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आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
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