"Question 2 भाव स्पष्ट कीजिए- युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल, प्रियतम का पथ आलोकित कर!
Class 10 - Hindi - मधुर-मधुर मेरे दीपक जल Page 35"
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प्रसंग:प्रस्तुत पंक्तियां प्रसिद्ध छायावादी कवियत्री महादेवी वर्मा द्वारा रचित कविता मधुर मधुर मेरे दीपक जल चली गई हैं। इन पंक्तियों में कवियत्री ने दीपक को परोपकार , वेदना और त्याग की भावनाओं का प्रतीक मानकर वेदना से ही अपने प्रिय को प्राप्त करने की बात की है।
व्याख्या:
कवित्री कहती हैं कि हे मेरे भावना रूपी दीपक जलता रहे उसी प्रकार युगों-युगों तक प्रत्येक दिन, प्रतिफल अपना प्रकाश फैलाता रहे और मेरे प्रियतम के रास्ते को को प्रकाशित कर। तेरे इस प्रकार प्रकाश फैलाने से उनके रास्ते का अधिकार खत्म हो जाएगा और उन्हें मुझ तक पहुंचने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी।==========================================================
व्याख्या:
कवित्री कहती हैं कि हे मेरे भावना रूपी दीपक जलता रहे उसी प्रकार युगों-युगों तक प्रत्येक दिन, प्रतिफल अपना प्रकाश फैलाता रहे और मेरे प्रियतम के रास्ते को को प्रकाशित कर। तेरे इस प्रकार प्रकाश फैलाने से उनके रास्ते का अधिकार खत्म हो जाएगा और उन्हें मुझ तक पहुंचने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी।==========================================================
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
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