Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 3 भाव स्पष्ट कीजिए − तरने की हो शक्ति अनामय मेरा भार अगर लघु करके न दो सांत्वना नहीं सही।

Class 10 - Hindi - आत्मत्राण Page 49"

Answers

Answered by nikitasingh79
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प्रस्तुत पंक्तियां कवि रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखित तथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा अनूदित कविता आत्मत्राण से ली गई है। इस कविता में कवि ने ईश्वर से आत्मिक एवं मानसिक शक्ति देने की प्रार्थना की है।


इन पंक्तियों में कभी कहना चाहता है कि ईश्वर उसे इतनी मानसिक शक्ति दे कि वह अपने दुख को सहन कर सके। कभी ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि यदि मैं उसके दुखों के बोझ को कम करके उसे दिलासा ना दे तो भी उसे दुख नहीं है। वह केवल इतना चाहता है कि ईश्वर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से इतना मजबूत कर दें कि वह इस संसार रूपी सागर को आसानी से पार कर जाए। कभी ईश्वर से सांत्वना के स्थान पर स्वयं को संघर्ष करने की शक्ति प्रदान करने की बात कहता है।
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