"Question 3 पाठ में खोजकर देखिए-कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
Class 7 - Hindi - अपूर्व अनुभव Page 81"
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परिश्रम करने वाले की सहायता तो ईश्वर स्वयं करता है। जब यासुकी - चान पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था और तोत्तो - चान उसे ऐसा करने में सहायता कर रही थी तू सूरज की तेज किरण ने उन्हें पसीने से तरबतर कर रही थी पर काम की लगन में उन दोनों को इस ओर ध्यान ही नहीं था। बादल के एक टुकड़े ने उन पर पड़ने वाली धूप को रोककर उन्हें छाया दी थी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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Answer:
सूरज का ताप उन पर तब पड़ रहा था। जब तोत्तो-चान और यासुकी-चान एक तिपाई-सीढ़ी के द्वारा पेड़ की द्विशाखा तक पहुँच रहे थे।
बादल का टुकड़ा बीच-बीच में छाया करके उन्हें कड़कती धूप से बचा रहा था। जब तोत्तो-चान अपनी पूरी ताकत से यासुकी-चान को पेड़ की ओर खींच रही थी।
इस प्रकार परिस्थिति बदलने का कारण मेरे अनुसार दोनों मित्रों के प्रति प्रकृति की सहृदयता थी। प्रकृति भी चाहती थी कि दोनों बच्चे अपने-अपने प्रयास में सफल हो।
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