Question 3:
तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्व दिया है?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter साखियाँ एवं सबद
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‘साखियां एवं सबद’ के रचयिता संत कबीर हैं। ‘साखियों’ में संत कबीर ने निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी आस्था के भावों को प्रकट करते हुए माना है कि हृदय रूपी का मानसरोवर भक्ति जल से पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें हंस रूपी आत्माएं मुक्ति रूपी मोती चुनती है। ‘ सबद’ में संत कबीर निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी निष्ठा भाव को प्रकट करते हुए कहते हैं कि ईश्वर को मनुष्य अपने अज्ञान के कारण इधर-उधर ढूंढने का प्रयास करता है।वह नहीं जानता कि उसके अपने भीतर ही छिपा हुआ है।
उत्तर :
कबीर की दृष्टि में ऐसा ज्ञान अति महत्वपूर्ण है जो हाथी के समान समर्थ और शक्तिमान है। जो भक्ति मार्ग की ओर प्रवृत्त होकर भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ता है जो आत्मा को परमात्मा की प्राप्ति कराता है और हमें व्यर्थ की आलोचना करने वालों की ज़रा भी परवाह नहीं करता। यह संसार तो अज्ञानी है जो कुत्ते के समान व्यर्थ ही भौंकता रहता है । उसकी परवाह किए बिना तुम उसे व्यर्थ भौंककर अपना समय बेकार करने दो और तुम भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ते जाओ।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
उत्तर :
कबीर की दृष्टि में ऐसा ज्ञान अति महत्वपूर्ण है जो हाथी के समान समर्थ और शक्तिमान है। जो भक्ति मार्ग की ओर प्रवृत्त होकर भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ता है जो आत्मा को परमात्मा की प्राप्ति कराता है और हमें व्यर्थ की आलोचना करने वालों की ज़रा भी परवाह नहीं करता। यह संसार तो अज्ञानी है जो कुत्ते के समान व्यर्थ ही भौंकता रहता है । उसकी परवाह किए बिना तुम उसे व्यर्थ भौंककर अपना समय बेकार करने दो और तुम भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ते जाओ।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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134
hai!!
तीसरे दोहे में कवि ने सहज ज्ञान अर्थात अहंकार रहित को महत्व दिया है.
I hope it's help you **.
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