"Question 4 इस आनंदोत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा'-वाक्य किस घटना की ओर संकेत कर रहा है?
Class 7 - Hindi - नीलकंठ Page 116"
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नीलकंठ और राधा में बहुत प्रेम था। दोनों बड़ी प्रसन्नता से रह रहे थे परंतु एक दिन कुब्जा नामक मोरनी के आगमन से दोनों को विरह का दुख सहन करना पड़ा। कुब्जा ईष्यालु मोरनी थी। उसे राधा का नीलकंठ के साथ रहना पसंद नहीं था ।वह राधा को देखते ही उसे मारने के लिए दौड़ थी। उससे राधा के अंडों को भी फोड़ दिया था ।नीलकंठ को कुब्जा का साथ अच्छा नहीं लगता था। वह उससे दूर दूर रहता था। नीलकंठ से राधा की दूरी सहन नहीं होती थी और वे उसे तकलीफ़ में भी नहीं देख सकता था इसलिए कई कई दिन तक इधर उधर छिपा रहता था। एक दिन नीलकंठ बिना बीमारी और चोट के मर गया। कुब्जा के आने पर नीलकंठ और राधा के आनंदोत्सव की रागिनी के तार टूट गए थे।
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Explanation:
लेखिका के द्वारा कुब्जा मोरनी को लाना, इस घटना की ओर संकेत करता है।
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