Question 4:
पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि 'फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?' लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि 'नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।' आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter प्रेमचंद के फटे जूते
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‘प्रेमचंद के फटे जूते’ लेखक हरिशंकर परसाई द्वारा रचित एक व्यंग रचना है। इसमें लेखक ने प्रेमचंद के फटे हुए जूते एवं उनके साधारण कपड़े जिसमें वे फोटो खिंचवाने भी चले जाते हैं, का वर्णन किया है। लेखक ने प्रेमचंद की सादगी का वर्णन करते हुए समाज में फैली दिखावे की परंपरा पर व्यंग किया है।
उत्तर :-
प्रेमचंद के बारे में लेखक का विचार इसलिए बदल गया क्योंकि उसे लगा कि प्रेमचंद एक सीधे-साधे व्यक्ति थे वह फोटो खिंचवाने के लिए साधारण पोशाक में आए थे। वे अपनी वेशभूषा के बारे में अधिक ध्यान नहीं देते थे। वे एक साधारण व्यक्ति के समान उपलब्ध साधनों के अनुसार ही वेशभूषा धारण करते थे। उन्हें दिखावे में विश्वास नहीं था। वे जैसे हैं वैसे ही दिखाई देना चाहते थे और न यह सोचते थे कि लोग क्या कहेंगे।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
उत्तर :-
प्रेमचंद के बारे में लेखक का विचार इसलिए बदल गया क्योंकि उसे लगा कि प्रेमचंद एक सीधे-साधे व्यक्ति थे वह फोटो खिंचवाने के लिए साधारण पोशाक में आए थे। वे अपनी वेशभूषा के बारे में अधिक ध्यान नहीं देते थे। वे एक साधारण व्यक्ति के समान उपलब्ध साधनों के अनुसार ही वेशभूषा धारण करते थे। उन्हें दिखावे में विश्वास नहीं था। वे जैसे हैं वैसे ही दिखाई देना चाहते थे और न यह सोचते थे कि लोग क्या कहेंगे।
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hay!!
लेखक हरिशंकर परसाई प्रेमचंद की फोटो देखकर सोचता है फोटो खिंचाने की यह पोशाक है तो पहने की कैसी होगी लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि नहीं इस आदमी की अलग-अलग पोशाके नहीं होंगी प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने के कारण हो सकते हैं कि उन्होंने फोटो को ध्यान से देखकर अनुमान लगा लिया होगा कि वह सादगी और वास्तविकता में विश्वास रखने वाले हैं वह अपने को दिखाने के आवरण में छापने वाले व्यक्ति नहीं है ऐसा व्यक्ति सब जगह एक ही पोशाक रखता है
I hope it's help you
लेखक हरिशंकर परसाई प्रेमचंद की फोटो देखकर सोचता है फोटो खिंचाने की यह पोशाक है तो पहने की कैसी होगी लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि नहीं इस आदमी की अलग-अलग पोशाके नहीं होंगी प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने के कारण हो सकते हैं कि उन्होंने फोटो को ध्यान से देखकर अनुमान लगा लिया होगा कि वह सादगी और वास्तविकता में विश्वास रखने वाले हैं वह अपने को दिखाने के आवरण में छापने वाले व्यक्ति नहीं है ऐसा व्यक्ति सब जगह एक ही पोशाक रखता है
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