"Question 8 निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए − 'मधुर-मधुर, पुलक-पुलक, सिहर-सिहर और विहँस-विहँस, कवयित्री ने दीपक को हर बार अलग-अलग तरह से जलने को क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए।
Class 10 - Hindi - मधुर-मधुर मेरे दीपक जल Page 34"
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कवित्री ने इन शब्दों से अलग-अलग बिंब योजनाएं की हैं।जलते हुए दीपक की हर पल हिलती और जगमगाती लौ की उज्ज्वलता और सुंदरता को प्रकट करने के लिए उसने दीपक को हर तरह से जलने के लिए कहा है।
कवियत्री दीपक को सिहर-सिहर कर जलने के लिए इसलिए कह रही है ताकि संसार में फैला हुई अज्ञान रुपी अंधकार किसी न किसी प्रकार से दूर होता रहे और अनास्था के स्थान पर आस्था उत्पन्न हो।
कवियत्री दीपक को पुलक पुलक कर चलने के लिए इसलिए कहती है ताकि वह प्रसंता में भरकर जले और धूप बनकर सारे संसार में सुगंध फैला दे।
कवित्री कहती है कि हे मेरे दीपक तू हंस हंस कर और निरंतर जलने में किसी प्रकार का दर्द अनुभव न कर।
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आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
कवियत्री दीपक को सिहर-सिहर कर जलने के लिए इसलिए कह रही है ताकि संसार में फैला हुई अज्ञान रुपी अंधकार किसी न किसी प्रकार से दूर होता रहे और अनास्था के स्थान पर आस्था उत्पन्न हो।
कवियत्री दीपक को पुलक पुलक कर चलने के लिए इसलिए कहती है ताकि वह प्रसंता में भरकर जले और धूप बनकर सारे संसार में सुगंध फैला दे।
कवित्री कहती है कि हे मेरे दीपक तू हंस हंस कर और निरंतर जलने में किसी प्रकार का दर्द अनुभव न कर।
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