रंगीला राजस्थान पर निबंध
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प्रस्तावना–
संसार में अनेक भूभाग हैं। प्रत्येक की अपनी कोई–न–कोई विशेषता है। इन विशेषताओं से ही उसकी पहचान होती है। इनके बिना उसका परिचय अधूरा ही रह जाता है।
हमारा प्रदेश राजस्थान–
भारत एक विशाल गणतन्त्र है। इसका स्वरूप संघीय है। राज्यों के इस संघ में अनेक राज्य सम्मिलित हैं। हमारा प्रदेश राजस्थान भी भारत का एक राज्य है। पन्द्रह अगस्त 1947 ई. को जब भारत स्वतंत्र हुआ, इस देश में अनेक छोटी–बड़ी रियासतें थीं। राजस्थान को तब राजपूताने के नाम से जाना जाता था। इस प्रदेश की अनेक रियासतों का भारत में विलय होने के पश्चात् जब राज्यों का गठन हुआ तो इस प्रदेश को राजस्थान नाम दिया गया।
रंगीला राजस्थान–
हमारे प्रदेश राजस्थान के अनेक रंग हैं, वह रंगीला है। रंगीला होने का आशय यह है कि इस प्रदेश की अनेक विविधताएँ हैं। राजस्थान के लोग, इनकी सभ्यता और संस्कृति, उनकी मान्यताएँ, उनके विश्वास आदि के अनेक रूप ही राजस्थान के अनेक रंग हैं। इन विभिन्न रंगों में रँगा होने के कारण ही वह रंगीला है। हमारा यह रंगीला राजस्थान बड़ा आकर्षक और प्यारा है।
राजस्थान की विविधता–
राजस्थान की धरती के दो रूप हैं। उसका पश्चिम–उत्तरी भाग रेतीला है तो दक्षिण–पूर्वी भाग हरा–भरा है। अरावली पर्वतमाला इसके बीच में फैली हुई है। इस प्रदेश के डूंगरों, ढाणियों और धोरों में जल का अभाव है। वहाँ सूखा रेत फैला है। वैसे प्रदेश की प्रकृति के ये दोनों ही रूप में आकर्षक हैं।
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