राजस्थान में महिलाओं की स्थिति में तुस्नु वय-प्रयास किए गए ? संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
Answers
Explanation:
विशेष रूप से महिलाओं की भूमिका की चर्चा करने वाले साहित्य के स्रोत बहुत ही कम हैं ; 1730 ई. के आसपास तंजावुर के एक अधिकारी त्र्यम्बकयज्वन का स्त्रीधर्मपद्धति इसका एक महत्वपूर्ण अपवाद है। इस पुस्तक में प्राचीन काल के अपस्तंभ सूत्र (चौथी शताब्दी ई.पू.) के काल के नारी सुलभ आचरण संबंधी नियमों को संकलित किया गया है। इसका मुखड़ा छंद इस प्रकार है
राजस्थान मे महिलाओं की स्थिति में मध्ययुगीन काल के दौरान और अधिक गिरावट आयीl
1.भारत के कुछ समुदायों जैसे राजस्थान में 'जौहर प्रथा 'सामाजिक जिंदगी का एक हिस्सा बन गयी थीl जौहर प्रथा मे सभी हारे हुए (सिर्फ राजपूत) योद्धाओं की पत्नियों और बेटियों शामिल होती थीं जिन्हे शत्रु द्वारा बंदी बनाया जाता था और इसके बाद उत्पीड़न से बचने के लिये स्वैच्छिक रूप से वो अग्नि में अपनी जान दे देती थींl अपने सम्मान के लिए मरना और पराजित राजपूत शासकों की पत्नियों द्वारा इस प्रथा का बहुत पालन किया जाता था।
2. सबसे पहले किए जाने वाला जौहर 'रानी पद्मिनी' ने किया था, मध्य वर्ग में जौहर, हिंदू - मुस्लिम धर्म के बीच में ही हुआ करता हैl
3. राजस्थान मे जौहर कुछ समय के लिए ही चलाl