Hindi, asked by omprakashyadav4585, 3 months ago

राम की मृत्यु कब और क्यों हुई?​

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Answered by AkashKumar372
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पद्मपुराण के अनुसार एक दिन एक वृद्ध संत भगवान राम के दरबार में पहुंचे और उनसे अकेले में चर्चा करने का निवेदन किया। उस संत की पुकार सुनते हुए प्रभु राम उन्हें एक कक्ष में ले गए और द्वार पर अपने छोटे भाई लक्ष्मण को खड़ा कर दिया और कहा कि यदि उनके और उस संत के बीच में आया तो वह स्वंय ही उसे मृत्यु दंड देंगे।लक्ष्मण ने अपने बड़े भाई की आज्ञा का पालन करते हुए दोनों को उस कमरे में एकांत में छोड़ दिया और खुद बाहर पहरा देने लगे। वह वृद्ध संत कोई और नहीं बल्कि विष्णु लोक से भेजे गए काल देव थे। जिन्हें प्रभु राम को यह बताने के लिए भेजा गया था कि उनका धरती पर जीवन पूरा हो चुका है और उन्हें अब अपने लोक वापस लौटना होगा। लेकिन उसी समय अचानक द्वार पर ऋषि दुर्वासा आ गए। उन्होंने लक्ष्मण से कक्ष के अंदर जाने को कहा लेकिन लक्ष्मण ने उन्हें साफ मना कर दिया।

ऋषि दुर्वासा को उनके क्रोध के लिए जाना जाता था। उनके क्रोध को हर किसी को भुगतना पड़ा था। लक्ष्मण के बार- बार मना करने पर भी ऋषि दुर्वासा अपनी बात से पीछे नहीं हटे और अंत में भगवान श्री राम और लक्ष्मण को श्राप देने की चेतावनी दे दी। जिसके बाद लक्ष्मण की चिंता और भी अधिक बढ़ गई। वह समझ नहीं पा रहे थे कि वह अपने भाई की आज्ञा का पालन करें या फिर उन्हें श्राप मिलने से बचाएं। इसके बाद लक्ष्मण ने एक कठोर फैसला लिया और अपने प्राणों की चिंता न करते हुए वह भगवान श्री राम के पास पहुंच गएलक्ष्मण को चर्चा में बाधा डालते देख श्री राम ही दुविधा में पड़ गए।एक तरफ वह अपने फैसले से मजबूर थे। एक तरफ वह अपने फैसले से मजबूर थे तो दूसरी तरफ भाई के प्यार से मजबूर थे। उस समय श्री राम ने अपने भाई को मृत्यु दंड देने के स्थान पर राज्य एवं देश से बाहर निकल जाने के लिए कहा। उस काल में देश निकाला मृत्यु के समान ही माना जाता था। लेकिन इसके बाद लक्ष्मण ने इस दुनिया को छोड़ने का निर्णय लिया। वह सरयू नदी के पास गए।

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