रामस्य-इति पदे का विभक्ति: ? *
क) प्रथमा
ख)षष्ठी
ग)सप्तमी
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Answer:
रामस्य -इति पदे ख) षष्ठी विभक्ति:l
"रामस्य" इति पदे का विभक्ति सप्तमी है।
इस पद में "राम" नाम का सम्बन्धवाची संज्ञा "स्य" संज्ञा-विशेषण सम्बन्ध से जुड़ी हुई है जो सप्तमी विभक्ति में प्रयुक्त होती है। इसलिए "रामस्य" इति पद सप्तमी विभक्ति है।
सप्तमी विभक्ति का प्रयोग संज्ञा के साथ किसी के पास रहने या उससे संबंधित होने की स्थिति या भाव का व्यक्त करने के लिए किया जाता है। इसी तरह "रामस्य" शब्द राम के संबंध में बताता है कि यह संबंध किसी दूसरे शब्द (वाक्य, विधेयक आदि) के साथ है।
"रामस्य" एक संस्कृत शब्द है जो "राम का" अर्थ होता है। "राम" हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के आवतार में माना जाता है जो धर्म, नैतिकता, और ध्यान का प्रतीक हैं। शब्द "रामस्य" अयोगवाह है, यानी कि इसे एक वाक्य में शामिल किया जा सकता है, जैसे कि "रामस्य राज्यं भविष्यति" जिसका अर्थ होता है "राम का राज्य भविष्य में होगा"।
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