रामधारी सिंह दिनकर की कविता भगवान के डाकिए आपकी पाठ्य-पुस्तक में है। उसके आधार पर पक्षी और बादल को डाकिए की भांति मानकर अपनी कल्पना से लेख लिखिए
Answers
आज हम सब आधुनिक युग में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। हम सबके पास फोन है, इंटरनेट की दुनिया में हम सब जी रहे हैं। बिना चैट और विडियो काल के हम सब यह नहीं सकते।
मगर जब हमारे इस दुनिया में राजा और रानी का युग था। तब न तो फोन था और न ही इंटरनेट । तब खत का जमाना था। खत को पक्षी और बादल के माध्यम से पहुंचाया जाता था गंतव्य तक।
कालिदास की कविता मेघदूत बादल पर आधारित है। यही सबसे बड़ा उदाहरण है।
राजघरानों में तो कबूतर के माध्यम से संदेश पहुंचा दिया जाता था। अंत: कहा जा सकता है कि पक्षी और बादल संदेश के माध्यम उस वक्त थे।
आज बदलते युग के साथ माध्यम बदल गया है।
Answer:
पहले के समय में डाकिए को देवदूत के रूप में माना जाता था लेकिन आज के समय में सभी कार्य मशीन मोबाइल फोंस के द्वारा हो जाते हैं और पहले के समय में पत्र चिट्ठी एक दूसरे तक पहुंचाने का माध्यम कबूतर डाकिए आदि होते थे जबकि कविता में कवि ने डाकिए पक्षी और बादल को कहा है
Explanation:
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