रामधारी सिंह दिनकर ने मिट्टी तोड़ने वालों और खेतों में काम को देवता क्यों कहा है
Answers
Answer:
मजदूरों के बिना समाज का विकास संभव नहीं है। उन्ही के श्रम -सवेद से जन कल्याण हो रहा है। अतः कवि ने मिट्टी तोड़ने वाले और मैं काम करने वालो को देवता कहा है।
Answer:
रामधारी सिंह 'दिनकर' ' (23 सितम्बर 1908- 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तियों का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है।
Explanation:
मजदूरों के बिना समाज का विकास संभव ही नहीं है। उन्ही के श्रम -सवेद से जन कल्याण हो रहा है और उनकी भागीदारी अत्यंत आवश्यक हैं । अतः कवि ने मिट्टी तोड़ने वाले और मैं काम करने वालो को देवता कहा है।
उनके सहयोग के बिना समाज के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।