Rajiv Gandhi par Anucchedh.
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rajiv gandhi ........kya hai
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1. प्रस्तावना:
राजीव गांधी विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र भारत के एकमात्र ऐसे युवा प्रधानमन्त्री थे, जिनकी उदार सोच, स्वप्नदर्शी व्यापक दृष्टि ने भारतवर्ष को एक नयी ऊर्जा और एक नयी शक्ति दी । देश को विश्व के अन्य उन्नत राष्ट्रों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देने वाले सबसे कम उम्र के वे ऐसे प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने इक्कीसवीं सदी का स्वप्न देते हुए भारत को वैज्ञानिक दिशा दी ।
2. उनका व्यक्तित्व:
देश की प्रधानमन्त्री स्व० श्रीमती इन्दिरा गांधी के सबसे बड़े इस होनहार सपूत का जन्म बम्बई में 20 अगस्त 1944 को हुआ था । पिता फिरोज गांधी की ही तरह वे एक सम्मोहित व्यक्तित्व के धनी थे । नाना जवाहरलाल नेहरू और मां इन्दिरा गांधी से उन्हें राजनैतिक विरासत की समृद्ध परम्परा मिली । राजनीति में यद्यपि उनकी रुचि नहीं थी, तथापि वे पारिवारिक वातावरण के कारण उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके ।
माता इन्दिरा की असामयिक मृत्यु के बाद देश को उनकी ही तरह एक सशक्त प्रधानमन्त्री की आवश्यकता थी । अत: राजीव गांधी को लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए राजनीति में आना पड़ा । राजनीति में आने से पूर्व वे इण्डियन एयरलाइन्स में एक पायलट थे । छात्र जीवन में उनकी भेंट इटली की सोनिया से हुई, जो आगे चलकर उनकी अर्द्धांगिनी बनी ।
1981 में अमेठी से सांसद का चुनाव जीतकर वे 1883 में कांग्रेस पार्टी के महासचिव बने । 31 अक्टूबर 1984 के दिन इन्दिरा गांधी की मृत्यु के बाद कार्यवाहक प्रधानमन्त्री के रूप में अपनी शपथ ग्रहण की । 1985 के आम चुनाव में वे प्रचण्ड बहुमत से विजयी हुए ।
मिस्टर क्लीन की छवि से माने जाने वाले राजीव गांधी बहुत कुछ अर्थों में ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल थे । हालांकि उनकी इस छवि में कालान्तर में कुछ विवाद भी उत्पन्न हुए थे । अपने श्रेष्ठ प्रशासन व निर्णय शक्ति की बदौलत इस जनप्रिय नेता ने काफी ख्याति प्राप्त की ।
किन्तु 21 मई 1991 को मद्रास से 50 कि०मी० दूर श्रीपेरूंबुदुर में एक चुनावी सभा के दौरान सुरक्षा घेरे को तोड़ने के बाद फूलों की माला ग्रहण करते समय श्रीलंकाई आतंकवादी संगठन लिट्टे द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट में उनकी नृशंस हत्या कर दी गयी । अपने चहेते युवा नेता की मृत्यु पर सारा देश जैसे स्तब्ध रह गया ।
3. उनके कार्य:
राजीव गांधी एक सशक्त और कुशल राजनेता ही नहीं थे, अपितु स्वप्नदृष्टा प्रधानमन्त्री थे । समय से पूर्व भारत को 21वीं सदी में ले जाने वाले इस प्रधानमन्त्री ने भविष्य के भारत का जो सपना देखा था, उसमें सम्पूर्ण भारत में ज्ञान, संचार, सूचना, तकनीकी सेवाओं के साथ मुख्यत: उसे कम्प्यूटर से जोड़ना था । वे भारत को एक अक्षय ऊर्जा का स्त्रोत बनाना चाहते थे ।
उनकी इस नवीन कार्यशैली और सृजनात्मकता का ही परिणाम है कि आज भारत सौर ऊर्जा से लेकर देश के कोने-कोने में कम्प्यूटर से जुड़ गया है । आज देश के घर-घर में कम्प्यूटर का उपयोग राजीव गांधी की ही दूरदर्शी सोच का परिणाम है । अपनी विदेश नीति के तहत उन्होंने कई देशों की यात्राएं की । भारत के आर्थिक, सांस्कृतिक सम्बन्ध बढ़ाये ।
राजीव गांधी विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र भारत के एकमात्र ऐसे युवा प्रधानमन्त्री थे, जिनकी उदार सोच, स्वप्नदर्शी व्यापक दृष्टि ने भारतवर्ष को एक नयी ऊर्जा और एक नयी शक्ति दी । देश को विश्व के अन्य उन्नत राष्ट्रों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देने वाले सबसे कम उम्र के वे ऐसे प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने इक्कीसवीं सदी का स्वप्न देते हुए भारत को वैज्ञानिक दिशा दी ।
2. उनका व्यक्तित्व:
देश की प्रधानमन्त्री स्व० श्रीमती इन्दिरा गांधी के सबसे बड़े इस होनहार सपूत का जन्म बम्बई में 20 अगस्त 1944 को हुआ था । पिता फिरोज गांधी की ही तरह वे एक सम्मोहित व्यक्तित्व के धनी थे । नाना जवाहरलाल नेहरू और मां इन्दिरा गांधी से उन्हें राजनैतिक विरासत की समृद्ध परम्परा मिली । राजनीति में यद्यपि उनकी रुचि नहीं थी, तथापि वे पारिवारिक वातावरण के कारण उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके ।
माता इन्दिरा की असामयिक मृत्यु के बाद देश को उनकी ही तरह एक सशक्त प्रधानमन्त्री की आवश्यकता थी । अत: राजीव गांधी को लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए राजनीति में आना पड़ा । राजनीति में आने से पूर्व वे इण्डियन एयरलाइन्स में एक पायलट थे । छात्र जीवन में उनकी भेंट इटली की सोनिया से हुई, जो आगे चलकर उनकी अर्द्धांगिनी बनी ।
1981 में अमेठी से सांसद का चुनाव जीतकर वे 1883 में कांग्रेस पार्टी के महासचिव बने । 31 अक्टूबर 1984 के दिन इन्दिरा गांधी की मृत्यु के बाद कार्यवाहक प्रधानमन्त्री के रूप में अपनी शपथ ग्रहण की । 1985 के आम चुनाव में वे प्रचण्ड बहुमत से विजयी हुए ।
मिस्टर क्लीन की छवि से माने जाने वाले राजीव गांधी बहुत कुछ अर्थों में ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल थे । हालांकि उनकी इस छवि में कालान्तर में कुछ विवाद भी उत्पन्न हुए थे । अपने श्रेष्ठ प्रशासन व निर्णय शक्ति की बदौलत इस जनप्रिय नेता ने काफी ख्याति प्राप्त की ।
किन्तु 21 मई 1991 को मद्रास से 50 कि०मी० दूर श्रीपेरूंबुदुर में एक चुनावी सभा के दौरान सुरक्षा घेरे को तोड़ने के बाद फूलों की माला ग्रहण करते समय श्रीलंकाई आतंकवादी संगठन लिट्टे द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट में उनकी नृशंस हत्या कर दी गयी । अपने चहेते युवा नेता की मृत्यु पर सारा देश जैसे स्तब्ध रह गया ।
3. उनके कार्य:
राजीव गांधी एक सशक्त और कुशल राजनेता ही नहीं थे, अपितु स्वप्नदृष्टा प्रधानमन्त्री थे । समय से पूर्व भारत को 21वीं सदी में ले जाने वाले इस प्रधानमन्त्री ने भविष्य के भारत का जो सपना देखा था, उसमें सम्पूर्ण भारत में ज्ञान, संचार, सूचना, तकनीकी सेवाओं के साथ मुख्यत: उसे कम्प्यूटर से जोड़ना था । वे भारत को एक अक्षय ऊर्जा का स्त्रोत बनाना चाहते थे ।
उनकी इस नवीन कार्यशैली और सृजनात्मकता का ही परिणाम है कि आज भारत सौर ऊर्जा से लेकर देश के कोने-कोने में कम्प्यूटर से जुड़ गया है । आज देश के घर-घर में कम्प्यूटर का उपयोग राजीव गांधी की ही दूरदर्शी सोच का परिणाम है । अपनी विदेश नीति के तहत उन्होंने कई देशों की यात्राएं की । भारत के आर्थिक, सांस्कृतिक सम्बन्ध बढ़ाये ।
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