रस बसंत बीत जाने पर फूल खिलने से कवि का क्या आशय
है? छाया मत छूना कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
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रस बसंत बीत जाने पर फ़ूल खिलने से कवि का यह आशय है कि जब सुख मिलने का उचित समय था तब सुख नही मिला और अब जब उसका कोई अर्थ नहीं है तो सुख मिल रहा है।
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छाया मत छूना कविता गिरिजाकुमार माथुर द्वारा लिखी गई है |
इस कविता में कवि ने बताया है रस बसंत बीत जाने पर फूल खिलने से कवि का आशय है की हमें बीते हुए समय के बारे में नहीं सोचना चाहिए हमेशा आगे के बारे सोचना या फिर जो चल रहा है| हमें अपने भूतकाल को पकड़ कर नहीं रखना चाहिए, चाहे उसकी यादें कितनी भी सुहानी क्यों न हो। जीवन में ऐसी कितनी सुहानी यादें रह जाती हैं| हमें बीती हुई बातों के बारे में नहीं सोचना चाहिए
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