रसखान कबौं इन आँखिन सौ ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारों कोटिक हों कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं .......... इस पंक्ति ka अर्थ
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आशा है इससे आपकी मदद होगी।
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