संगीत के प्रयोग के वाद्य के नाम
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Answer:
ढोलक (Tom tom)
तबला (Tabor)
सरोद (Sarod)
सितार (Sitar)
वीणा (Harp)
Answer:
वीणा,तबला,सितार,वासुरी।
Explanation:
वीणा का प्रयोग शास्त्रीय संगीत में किया जाता है।यह सबसे प्राचीन वाद्य यंत्र माना जाता है। वैदिक साहित्य में वीणा का उल्लेख कई जगह मिला है। सरस्वती और नारद मुनि के हाथ में वीणा वाद्य यंत्र सदैव रहता था। यह माना जाता है कि अमीर खुसरो ने सितार की रचना वीणा और बैंजो को मिलाकर की थी। इस वाद्य यंत्र में 4 तार होते हैं। रूद्र वीणा और विचित्र वीणा वीणा के ही दूसरे रूप हैं।
सितार एक लोकप्रिय वाद्ययंत्र माना जाता है। सितार को भारत का राष्ट्रीय वाद्य यंत्र भी कहते हैं। इस वाद्ययंत्र के द्वारा मन की भावनाओं को व्यक्त किया जाता है। हिंदू और मुसलमानों के वाद्य यंत्रों को मिलाकर सितार की रचना की गई है।
इसमें 1 से 5 तार हो सकते हैं। एक तार वाले सितार को “एकतारा”, दो तार वाले सितार को “दोतारा” इसी तरह 4 वाले सितार को “चहरतारा” और 5 तार वाले सितार को पचतारा कहते हैं।
तबला एक लोकप्रिय वाद्ययंत्र है। भारत में यह बहुत मशहूर है। यह वाद्य यंत्र दो भागों में होता है दाहिना तबला जिसे दाहिने हाथ से बजाते हैं और बाया तबला जिसे बाएं हाथ से बजाते हैं। तबले का आविष्कार 13वीं शताब्दी में महान भारतीय कवि और संगीतज्ञ अमीर खुसरो ने पखावज के दो टुकड़े करके किया था।
हमारे देश में बांसुरी एक लोकप्रिय वाद्य यंत्र है। मेलो बाजारों में भी कई बांसुरी बेचने वाले दिख जाते हैं। हिंदू धर्म में श्री कृष्ण भगवान भी बांसुरी बजाकर गोपियों को रिझाते थे। इसकी धुन अत्यंत मधुर होती है। यह बांस से बनाया जाता है।
बांसुरी में कुल 7 छेद बनाये जाते हैं। यह वाद्य यंत्र श्री कृष्ण भगवान का प्रिय वाद्य यंत्र था। इसे मुरली के नाम से भी जाना जाता है। हरिप्रसाद चौरसिया विश्व के प्रसिद्ध बांसुरी वादक हैं।