Hindi, asked by Khushhal144, 1 year ago

संगतकार कविता में कवि ने अंतर को जटिल कार्य का जंगल कहां है गायक उसमें कैसे खो जाता है

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Answered by ankushkumar98
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and:- इससे कवि यह व्यक्त करना चाहते है कि गायक अपने सुरों एवं गायन की गहराई में डूब जाता है और इस प्रकार यथार्थ को भूल जाता है, ख्यालों में खो जाता है। जब किसी विषय का विशिष्ट ज्ञान हो, वहाँ भटकने की आशा होती है। ज्ञान में सुरों में गायक डूब जाता है और सब भूल जाता है। कठिन संगीत में स्वर का विस्तार करते समय गायक सब भूल जाता है।

Answered by Jasleen0599
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संगतकार कविता में कवि ने अंतर को जटिल कार्य का जंगल कहां है गायक उसमें कैसे खो जाता है |

  • गाना स्थिर होने लगता है, इंटरवल शुरू होते ही स्वर सख्त हो जाते हैं, ताने और उलझ जाते हैं, आपस में उलझ जाते हैं। संगतकार उस समय सहायता प्रदान करता है जब प्रमुख गायक जटिल रागों में खो जाने लगता है।
  • यदि मुख्य गायक बहुत ही जटिल लय और स्वर में शामिल हो जाता है, तो संगतकार की मूल आवाज उसे उसकी मूल आवाज में वापस लाने की कोशिश करती है। इस तरह, संगतकार प्रमुख गायक को उसके मूल स्वर से विचलित नहीं होने देता। "जटिल तानों का जंगल" कवि का मानना ​​है कि प्रमुख गायक कभी-कभी अपने वर्गों में खो जाता है और कठिन तानें गीत के चरणों को गाते हुए माधुर्य से भटक जाती हैं।
  • कविता की अंतिम पंक्तियों में कवि ने जंगल का वर्णन तीन विशेषणों से किया है- सुंदर, गहरा और गहरा। इसका मतलब यह है कि कवि इस दृश्य का आनंद लेता है और लंबे समय तक प्रकृति की सुंदरता की सराहना करना चाहता है। लेकिन उनके जीवन में अन्य प्रतिबद्धताएं भी हैं।
  • सोने से पहले उसने काफी दूरी तय की। संगतकार प्रमुख गायक को उसके बचपन की याद दिलाता है जब वह नौसिखिया था, यानी जब उसने संगीत सीखना शुरू किया था। संगतकार गीत का एक टुकड़ा गाता है जैसे कि प्रमुख गायक आगे जा रहा है और रास्ते में बची हुई चीजों को उठा रहा है, या संगतकार गायक को उसके बचपन की याद दिलाता है।

#SPJ3

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