Hindi, asked by Anonymous, 2 months ago

साहस और शक्ति के साथ विनम्रता से तो बेहतर है इस कथन पर अपने विचार राम लक्ष्मण परशुराम संवाद पाठ के आलोक में लिखिए।​

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Answered by sanikapandya8
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Answer:

"विनम्रता उसमें सदाचार व मधुरता भर देती है,वह किसी भी स्थिति को सरलता पूर्वक शांत कर सकती है। जहाँ परशुराम जी साहस व शक्ति का संगम है। वहीं राम विनम्रता, साहस व शक्ति का संगम है। उनकी विनम्रता के आगे परशुराम जी के अहंकार को भी नतमस्तक होना पड़ा नहीं तो लक्ष्मण जी के द्वारा परशुराम जी को शांत करना सम्भव नहीं था।"

Answered by Anonymous
3

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◆विनम्रता उसमें सदाचार व मधुरता भर देती है,वह किसी भी स्थिति को सरलता पूर्वक शांत कर सकती है। जहाँ परशुराम जी साहस व शक्ति का संगम है। वहीं राम विनम्रता, साहस व शक्ति का संगम है। उनकी विनम्रता के आगे परशुराम जी के अहंकार को भी नतमस्तक होना पड़ा नहीं तो लक्ष्मण जी के द्वारा परशुराम जी को शांत करना सम्भव नहीं था।

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