संप्रेषण को परिभाषित कीजिए I संप्रेक्षण प्रक्रिया का कौन - सा घटक सबसे महत्वपूर्ण है? अपने उत्तर को प्रासंगिक उदाहरणों से पुष्ट कीजिए I
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"संप्रेषण एक सचेतन या अचेतन प्रक्रिया है जिसमें भावनाओं एवं विचारों को एक संदेश के माध्यम से भेजा एवं प्राप्त किया जाता है तथा उन्हें समझा जाता है। संप्रेषण दो या उससे अधिक व्यक्तियों के बीच एक संदेश को भेजने व ग्रहण करने की प्रक्रिया है, जिसमें भेजे गये संदेश अर्थयुक्त होते हैं।
संप्रेषण का महत्वपूर्ण घटक है वाचन (संभाषण) एवं श्रवण।
वाचन या संभाषण अर्थात भाषा का प्रयोग करके बोलना लेकिन भाषा प्रतीकों के सहारे टिकी होती है, इस कारण उसके प्रतीकों के अर्थ सीमित होते हैं। एक प्रभावी संप्रेषक बनने के लिए आवश्यक है कि भाषा का सही उपयोग करना आता हो, क्योंकि भाषा के प्रतीक हैं शब्द जो कि सीमित अर्थ लिये होते हैं इसलिए उन शब्दों का स्पष्ट एवं परिशुद्ध उपयोग हो ताकि प्रेषक जिस संदर्भ से संप्रेषण कर रहा है उस संदर्भ का अर्थ स्पष्ट हो सके।
श्रवण अर्थात सुनने की प्रक्रिया, जो कि संप्रेषण का महत्वपू्र्ण कौशल है। सुनने वाले व्यक्ति को धैर्यवान और निर्णयात्मक व्यवहार बनाना पड़ता ताकि सुनकर प्राप्त सूचना का विश्लेषण कर उस उचित अनुक्रिया कर सके अर्थात उत्तर दे सके।
उदाहरण के लिए आप अपनी कक्षा में बैठे हैं लेकिन आज आप अपना पेन लाना भूल गए तो अपने दोस्त से कलम मांगते हो।आप उससे पूछते हो ‘क्या तुम्हारे पास कोई अतिरिक्त पेन है’ तो आपका दोस्त उत्तर देता है ‘हाँ है’ और वो आपको एक पेन दे देता है। यह एक सफल संप्रेषण प्रक्रिया हुई। आपने अपने दोस्त से एक पेन मांगा था।आपने एक संदेश ‘क्या तुम्हारे पास कोई अतिरिक्त पेन’ है को कूट संकेत में परिवर्तित किया और उसे अपनी आवाज में बदल कर अपने दोस्त को संप्रेषित किया। आपके दोस्त ने उस संदेश को अपनी श्रवणेन्द्रियों अर्थात कानों द्वारा ग्रहण किया और आपको पेन दिया। इस प्रकार संप्रेषण सफल हुआ क्योंकि आपके दोस्त ने संदेश को ग्रहण किया तभी तो उसने आपको पेन दिया। यदि उसने पेन देने से मना कर दिया होता तो भी संप्रेषण सफल माना जाता क्योंकि उसने संदेश तो ग्रहण किया तभी तो उसे पता चला कि आपको पेन चाहिये, पर शायद उसके पास कोई अतिरिक्त पेन नही था इसलिये उसने मना कर दिया। "
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संप्रेषण एक सचेतन या अचेतन प्रक्रिया है जिसमें भावनाओं एवं विचारों को एक संदेश के माध्यम से भेजा एवं प्राप्त किया जाता है तथा उन्हें समझा जाता है। संप्रेषण दो या उससे अधिक व्यक्तियों के बीच एक संदेश को भेजने व ग्रहण करने की प्रक्रिया है, जिसमें भेजे गये संदेश अर्थयुक्त होते हैं।
संप्रेषण का महत्वपूर्ण घटक है वाचन (संभाषण) एवं श्रवण।
वाचन या संभाषण अर्थात भाषा का प्रयोग करके बोलना लेकिन भाषा प्रतीकों के सहारे टिकी होती है, इस कारण उसके प्रतीकों के अर्थ सीमित होते हैं। एक प्रभावी संप्रेषक बनने के लिए आवश्यक है कि भाषा का सही उपयोग करना आता हो, क्योंकि भाषा के प्रतीक हैं शब्द जो कि सीमित अर्थ लिये होते हैं इसलिए उन शब्दों का स्पष्ट एवं परिशुद्ध उपयोग हो ताकि प्रेषक जिस संदर्भ से संप्रेषण कर रहा है उस संदर्भ का अर्थ स्पष्ट हो सके।