Hindi, asked by devdevsingh103, 5 hours ago

सार्क' के कार्य एवं भूमिका का परीक्षण कीजिए।​

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Answered by shishir303
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दक्षेस यानि सार्क दक्षिण एशिया के 8 देशों का आर्थिक तथा राजनीतिक संगठन है। इस संगठन के सदस्य देशों में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, भूटान और अफगानिस्तान हैं।

दक्षेस का पूरा नाम ‘दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन’ है जिसे अंग्रेजी में ‘साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (SAARC) (South Asian Association for Regional Co-operation कहते हैं।

दक्षेस (SAARC) दक्षिणी एशियाई देशों का एक संगठन है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मालदीव, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल हैं। लेकिन इन देशों के आपसी विवाद के कारण विशेषकर भारत और पाकिस्तान के आपसी विवाद के कारण दक्षेस की राह में अनेक कठिनाइयां और बाधाएं हैं, जो इस संगठन के राष्ट्रों को आपस में एकजुट रखने के प्रयास में बाधा कर सकती हैं।

दक्षिण एशिया क्षेत्र की कोई पृथक भौगोलिक पहचान नहीं है, इस कारण दक्षिण एशिया के देशों का यह संगठन भी एक प्रकार से मृतप्राय ही है, क्योंकि इस संगठन में पाकिस्तान अपने को इस्लामिक मध्य-पूर्व क्षेत्र का अंग समझता है। नेपाल की स्थिति भी कमोबेश अस्थित प्रवृत्ति की रही है। कभी वह चीन के पाले में आ जाता है तो कभी भारत के पाले में। श्रीलंका भी कोई विशेष रुचि नहीं दिखाता, और वह आसियान में ज्यादा रुचि दिखाता है।

इस संगठन में चार इस्लामिक देश (पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मालदीव) है, दो बौद्ध बहुत (श्रीलंका, भूटान) देश हैं, एक हिंदू (नेपाल) और एक धर्मनिरपेक्ष देश (भारत) है। इन देशों की नीतियां और दृष्टिकोण सभी एक दूसरे के विरोधी हैं। यहां तक की संयुक्त राष्ट्र संघ में भी यह देश एक दूसरे के प्रति मतदान करते रहे हैं। हालांकि भारत संगठन में बड़े भाई की हैसियत रखता है, लेकिन छोटे देश उसके प्रति अविश्वास की दृष्टि रखते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच अनेक विषय पर विवाद के कारण इस संगठन के कार्य सफलतापूर्वक संपन्न नहीं हो पाते।

इस सब कारणों से दक्षेस (SAARC) एक मृत घोड़े के समान है।

#SPJ3

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