Hindi, asked by nishthanagar50, 7 months ago

स्त्री घर की लक्ष्मी होती है इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए​

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Answered by helperhand44
23

Explanation:

जहां घरों में लड़के-लड़कियों में भेद होता हो, घर-आंगन को लड़कियों की किलकारियों से दूर रखा जाता हो, जहां पति-पत्नी बात-बात में मन मुटाव रखते हों, हमेशा एक-दूसरे की कमियां निकालते हों, वहां चाहे आसमान से सोना टपकता हो, लक्ष्मी सिर पर पैर रखकर भागती हैं। बेटियां-बहुएं हैं लक्ष्मियां, बता रही हैं क्षमा शर्मा

उत्तर भारत में दिवाली से पहले रंगाई-पुताई के बाद घर के बाहर विष्णु और लक्ष्मी के पांव की रंगोलियां बनाई जाती हैं। जैसे सब घर में कह रहे हों-लक्ष्मी जी, विष्णु जी आइए, आपका स्वागत है। इसी तरह जब किसी के घर कन्या का जन्म होता है तो कहा जाता है कि घर में लक्ष्मी आ गई। घर में बेटी का आना लक्ष्मी यानी कि धन का आना है।घर की स्त्री को लक्ष्मी यों ही नहीं कहते। उन्हें लक्ष्मी और अन्नपूर्णा का दर्जा यूं ही नहीं दिया जाता। एक स्त्री कठिन परिश्रम के जरिए तिनका-तिनका जोड़कर घर बनाती है। किस तरह घर की साफ-सफाई से लेकर परिवार के खान-पान, स्वास्थ्य और खुशी का ध्यान रखती है। बल्कि परिवार के संदर्भ में एक स्त्री की इतनी भूमिकाएं हैं, जिसे इन दिनों मल्टी टास्किंग कहा जाता है कि बड़े से बड़े ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और बिजनेस स्कूल उससे मात खा सकते हैं।

Answered by chandrakalagarje1986
2

Explanation:

right answer

i hope my anser is right

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