• 'सादा जीवन उच्च विचार' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
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सादा जीवन उच्च विचार
सरल जीवन उच्च विचार से पता चलता है कि हमें एक सादा जीवन जीना चाहिए लेकिन साथ ही हमारी सोच भी सीमित नहीं होनी चाहिए। यह तथ्य सही है कि हमें अपनी सोच को केवल रोज़ाना के कामों के इर्द-गिर्द तक ही सीमित नहीं करना चाहिए। हमें अपनी जिन्दगी के साथ-साथ हमारे आसपास के सकारात्मक बदलावों के बारे में भी सोचना चाहिए। यह नीतिवचन किसी भी प्रकार के दिखावे के बिना एक साधारण जीवन जीने के महत्व पर जोर देती है। हमें अपनी इच्छाओं और ज़रूरतों की जांच करना चाहिए। हालांकि जब सोच और विचारों की बात आती है तो ये बड़े होने चाहिए। हमें केवल स्वयं के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए बल्कि अपने आस-पास के लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए।
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आज के समय में आप देखेंगे कि लोग बहुत कृत्रिम हो गए हैं। जरा से ही सजावटी वस्त्रों को धारण करके उनके अंदर घमंड आ जाता है। जबकि उनके विचार निम्न कोटि के होते हैं। दिखावे के कारण वे न जाने कितना खर्चा करते जाते हैं जिसका बाद में उन्हें खामियाज़ा भुगतना पड़ता है। ऐसा करते – करते वे तनाव ग्रस्त हो जाते हैं।
क्योंकि वे अपने जीवन को दूसरों के जीवन से तुलना करने लगते हैं। जैसा कि अक्सर देखा गया है कि उस व्यक्ति के पास इतनी महंगी कार है, इतने सारे फ्लैट हैं, प्रॉपर्टी है, इस तरह के ब्रांडेड कपडे हैं तो मेरे पास भी इस तरह कीें चीज़ें होनी चाहिए, ऐसी मानव की सोच बन जाती है।
एक के बाद एक चीज़ों को खरीदने में और इक्षाओं की पूर्ति करने में मानव अपना पूरा जीवन लगा देता है और शांति की तलाश में लग जाता है। लेकिन शांति मिले भी तो कैसे क्योंकि इक्छाएं तो अनंत हैं, जैसे ही एक इक्छा पूरी होती है दूसरी इक्छा जाग्रत हो जाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कहा गया है कि – “जीवन जितना सादा रहेगा, तनाव उतना ही आधा रहेगा।”
सादा जीवन उच्च विचार।
यही है जीवन का मूल आधार।।
जिसने इस मन्त्र को अपनाया।
भविष्य अपना उज्जवल बनाया।।
मनुष्य जिस क्षण अपनी दैनिक जरूरतों को ज्यादा बढ़ाता है वह सादा जीवन उच्च विचार के आदर्श पालन के प्रयास में नीचे गिर जाता है। मनुष्य की ख़ुशी वास्तव में संतोष में निहित है।