सिद्ध कीजिए कि वर्ग मूल एक अपरिमेय संख्या है
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सबसे पहले हम इसके विपरीत मान लेते हैं कि √5 एक परिमेय संख्या है।
ऐसी संख्या के लिए a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b असहभाज्य संख्याएँ हैं , ताकि; √5 = a/b एक परिमेय संख्या है
या, b√5 = a एक परिमेय संख्या है
दोनों तरफ का वर्ग करने पर,
समीकरण मिलता है; 5b² = a²
इसका मतलब है कि a², 5 से विभाजित होगा और इसीलिये a भी 5 से विभाजित होगा।
लेकिन यह हमारी पहले के मान का विरोधी है कि a और b असहभाज्य संख्याएँ हैं, क्योंकि हमें 5 के रूप में a और b का कम से कम एक उभयनिष्ठ गुणनखंड मिल गया है।
अतः यह हमारे पहले मानी हुई संभावना कि b√5 प्रमेय संख्या है का भी विरोधाभाषी है।
इसलिए एक b√5 अप्रमेय संख्या है ।
अतः √5 ≠ परिमेय संख्या
इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि √5 एक अपरिमेय संख्या है ।
ऐसी संख्या के लिए a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b असहभाज्य संख्याएँ हैं , ताकि; √5 = a/b एक परिमेय संख्या है
या, b√5 = a एक परिमेय संख्या है
दोनों तरफ का वर्ग करने पर,
समीकरण मिलता है; 5b² = a²
इसका मतलब है कि a², 5 से विभाजित होगा और इसीलिये a भी 5 से विभाजित होगा।
लेकिन यह हमारी पहले के मान का विरोधी है कि a और b असहभाज्य संख्याएँ हैं, क्योंकि हमें 5 के रूप में a और b का कम से कम एक उभयनिष्ठ गुणनखंड मिल गया है।
अतः यह हमारे पहले मानी हुई संभावना कि b√5 प्रमेय संख्या है का भी विरोधाभाषी है।
इसलिए एक b√5 अप्रमेय संख्या है ।
अतः √5 ≠ परिमेय संख्या
इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि √5 एक अपरिमेय संख्या है ।
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