सिद्ध कीजिए निम्नलिखित संख्याएँ अपरिमेय हैं :
(i) 1/√2 (ii) 7√5 (iii) 6 + √2
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Answer with Step-by-step explanation:
(i) मान लीजिए कि 1/√2 एक परिमेय संख्या है।
हम अविभाज्य पूर्णांक a तथा b (b ≠ 0)प्राप्त कर सकते हैं ।
1/√2 = a/b
(1×√2)/(√2×√2) = a / b
√2/2 = a / b
√2 = 2a/b …………..(1)
क्योंकि दो पूर्णांकों का भागफल एक परिमेय संख्या होती है।
अत: 2a / b = परिमेय संख्या
∴ समी (1) से √2 भी एक परिमेय संख्या है।
परंतु यह इस तथ्य का विरोधाभास है कि √2 एक अपरिमेय संख्या है।
∴ हमारी कल्पना गलत है।
अतः 1/√2 एक अपरिमेय संख्या है।
(ii) मान लीजिए कि 7√5 एक परिमेय संख्या है।
∴ हम ऐसे दो पूर्णांक a तथा b (b ≠ 0) प्राप्त कर सकते हैं ।
7√5 = a/b
√5 = a/7b …………..(1)
चूंकि a, 7 और b सभी पूर्णांक है और दो पूर्णांकों का भागफल भी एक परिमेय संख्या होती है।
अत: a / 7b = परिमेय संख्या
∴ समी (1) से √5 भी एक परिमेय संख्या है।
परंतु यह इस तथ्य का विरोधाभास है कि √5 एक अपरिमेय संख्या है।
∴ हमारी कल्पना गलत है।
अतः 7√5 एक अपरिमेय संख्या है।
(iii) मान लीजिए कि 6 + √2 एक परिमेय संख्या है ।
हम सहअभाज्य संख्याएं a तथा b (b ≠ 0) प्राप्त कर सकते हैं।
6 + √2 = a/b जहाँ b ≠ 0
=> √2 = a/b - 6
√2 = (a - 6b)/b..........(1)
चूंकि a तथा b पूर्णांक हैं , इसीलिए (a - 6b) और b भी पूर्णांक होंगे तथा दो पूर्णांकों का भागफल भी एक परिमेय संख्या होती है।
∴ (a - 6b)/b = परिमेय संख्या
अतः समीकरण (1) से √2 एक परिमेय संख्या है।
परंतु यह इस तथ्य का विरोधाभास है कि √2 एक परिमेय संख्या है।
∴ हमारी कल्पना गलत है।
अतः , 6 + √2 एक अपरिमेय संख्या है ।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
option 2 right answer
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