'सेवा करो मेवा पावे' पर कहानी लिखें।
Answers
Answer:
सुदूर घने जंगलों घने में पहाड़ों के बीच बसा एक सुंदर गांव था।
गांव का नाम सिद्धार्थ पुर था।
उसी गांव में एक नन्हे बालक का जन्म हुआ जिसका नाम अब्दुल रज्जाक था। अब्दुल के पिता पेशे से एक वरिष्ठ वकील थे। अब्दुल के जन्म के साथ अब्दुल के घर वालों के चेहरे पर एक नई आभा उमड़ पड़ी। अब्दुल की मां और उसकी दादी ने उसे बड़े ही लाड प्यार से पाला। अब्दुल अपने पिता का लाडला था। अब्दुल अपनी दादी से रोज नई नई कहानियां सुनता था। दादी भी उसे रोज नई-नई प्रेरणादायक कहानियां सुनाती थी।
अब्दुल अब बड़ा हो चुका था। उसके माता पिता ने उसे पास के ही गांव के आश्रम में पढ़ने के लिए भेजा। अब्दुल एक सीधा साधा और ईमानदार बालक था। उसके इसी सीधेपन को देखकर उसके पिता माता उसे प्यार से भोला बुलाते थे।
अब्दुल की दादी उसका बहुत ध्यान देती थी। अब्दुल के माता और पिता ने अब्दुल का दाखिला शहर के प्राइवेट स्कूल में करवा दिया। अब्दुल अपने गुरुजनों का आदर किया करता था। स्कूल के शिक्षक उसके सीधेपन और ईमानदार चरित्र से बहुत ही प्रभावित हुए। अब्दुल अपने क्लास में अव्वल आया। अब्दुल के माता-पिता और उसकी दादी के चेहरे पर एक नई आभा उमड़ पड़ी।
अब्दुल अब दसवीं कक्षा में चला गया था। अब्दुल की मां, दादी और पिता अचानक बीमार पड़ गए। अब्दुल के भाई बहन घर से बाहर रहा करते थे। अब्दुल ने दिन रात मेहनत करके तीनों की सेवा की। अब्दुल ने सोचा कि जब उसके माता-पिता और उसकी दादी ने दिन रात एक कर के उसकी सेवा की तो वह अहम वक्त में उन्हें कैसे भूल सकता है। अब्दुल ने अपनी माता पिता और दादी की दिन-रात सेवा करके उन्हें स्वस्थ किया। उसके साथ अब्दुल ने अपनी पढ़ाई भी जारी रखा और दसवीं में अब्बल नंबरों के साथ उत्तीर्ण हुआ। अब्दुल ने उस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में पहला स्थान प्राप्त किया। अब्दुल अब 11 वीं कक्षा में चला गया था उसके दोस्त लोग घर से बाहर कहीं दूर बड़े शहर में पढ़ने के लिए चले गए थे।
अब्दुल की दादी अब बीमार रहने लगी थी अब्दुल ने फिर सोचा वह उन्हें इस दुख की घड़ी में छोड़ कर कैसे जा सकता है। अब्दुल ने दिन रात 2 वर्षों तक बड़ी कड़ी मेहनत से उनकी सेवा की और उसके साथ अपनी आगे की पढ़ाई भी जारी रखा। अब्दुल ने ग्रामीण जिंदगी में ही अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी की। अब्दुल 12वीं अच्छे अंकों के साथ पास किया। अब्दुल अपने पढ़ाई के दौरान विश्व स्तर, राज्य स्तर, जिला स्तर और प्रखंड स्तर पर अनेकों पुरस्कार प्राप्त हुए। अब्दुल को उसके राज्य के मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। अब्दुल ने गांव के परिवेश में रहते हुए शहर की प्रतिभा से लोहा ले लिया आखिरकार अब्दुल को उसके जीवन में अनेक अवसरों पर सम्मानित किया गया। अब्दुल की दादी और माता-पिता यह देखकर प्रसन्न हुए।
अब्दुल अपनी आगे की पढ़ाई अनुसंधान में जारी रखना चाहता था। अब्दुल ने अपना दाखिला अनुसंधान में करवा लिया। यह सब देखकर अब्दुल की दादी बहुत प्रसन्न हुई। अपने पोते को देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने का आशीर्वाद दी। अब्दुल भी फूला ना समाया और अपनी दादी को गले से लगा लिया। यह सब देखकर अब्दुल की दादी के आंखों से प्यार के आंसू छलक पड़े। अब्दुल के माता-पिता ने अब्दुल की हर समय हौसला बढ़ाने का काम किया। अब्दुल के छोटे भाई ने अब्दुल की हर संभव मदद की। आखिरकार अब्दुल ने अपने मुकाम को पा ही लिया और अनुसंधान जगत में सर्वोच्च स्थान हासिल कर लिया।
फिर अब्दुल अब्दुल के पिता ने बड़े ही प्यार से कहा बेटा सेवा का फल मेवा होता है इसीलिए हमें अपनों से बड़ों बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए। उनकी सेवा ही हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। आगे चलकर अब्दुल ने गरीबों की हर संभव मदद की।