Hindi, asked by nd285599, 1 day ago

स्वामी जी कैसे नास्तिक कहना उचित समझते हैं​

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Answered by imsreenanda
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Answer:

स्‍वामी विवेकानंद भी जब हिंदुत्‍व की, दर्शन की और ईश्‍वर का बात करते हैं, तो उनका उद्देश्‍य वास्‍तविक संसार से भागने के लिए कोई आभासी ईश्‍वरीय संसार बुनना नहीं है। प्राचीन धर्म ने कहा कि वह नास्तिक है, जो ईश्‍वर में विश्‍वास नहीं करता। नया धर्म कहता है कि नास्तिक वह है, जो अपने आप में विश्‍वास नहीं करता। '

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