संवेदी, अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक स्मृति तंत्र से सूचना का प्रक्रमण किस प्रकार होता है?
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संवेदी, अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक स्मृति तंत्र से सूचना का प्रक्रमण किस प्रकार होता है?
अवस्था मॉडल अनुसार स्मृति तंत्र तीन प्रकार की होती है :
संवेदी, अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक
संवेदी= कोई भी नई सूचना पहले संवेदी में आती है| संवेदी स्मृति की सोचने की क्षमता तो बहुत होती है ,किंतु इस की अवधि कम होती है ,यह एलक सेकंड से भी कम| यह एक ऐसा स्मृति तंत्र जो प्रत्येक संवेदना को अच्छे से ग्रहण करता है| जैसे बल्ब भुजने के बाद भी कुछ छाया रह जाती है का अनुभव कर सकते है और आवाज़ बंद हो जाने के बड़ा भी आवाज़ की प्रतिध्वनि सुनाई देती है|
अल्पकालिक: जब हम सूचनाओं पर हम ध्यान नहीं देते है जो हमारे संवेदी ग्राहकों को प्रभावित करती है | जिन सूचनाओं पर हम ध्यान देते है ,वह हमारी दूसरे स्मृति भंडार में प्रवेश कर जाती है , जिसे हम अल्पकालिक स्मृति कहा जाता है | यह सूचना थोड़े समय तक 30 सेकेण्ड ही रख पाती है | यदि हम इसका अभ्यास बार न करें तो यह 30 सकेंड से कम समय में अल्पकालिक स्मृति से बहार चली जाती है| यह स्मृति बहुत कमज़ोर होती है , लेकिन संवेदी पंजिका की तरह नहीं जहाँ एक सेकंड से भी कम समय हो |
दीर्घकालिक= दीर्घकालिक की क्षमता व्यापक है | यह ऐसी सामग्री है , जो अल्पकालिक स्मृति की क्षमता और धारण की अवधि की सीमाओं को पर कर जाती है , वह दीर्घकालिक स्मृति में प्रवेश करती है , जिसकी क्षमता व्यापक है| यह स्मृति का ऐसा स्थायी भंडार है जहाँ सूचनाएं जितनी भी नई क्यों न हो और पुरानी क्यों न हो , जैसे आपने सुबह क्या खाया था ? आप 5 साल पहले घूमने कहाँ गए थे ? यह सब संचित होती है| जब कोई भी सूचना दीर्घकालिक में चली जाती है , वह हम कभी नहीं भूलते|
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