स्वतंत्रता के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं
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Answer:
स्वतंत्रता के प्रकार (swatantrata ke prakar)
राजनीतिक स्वतंत्रता राज्य की राजनीतिक प्रक्रिया मे स्वतंत्रतापूर्वक सक्रिय भाग लेने की स्वतंत्रता राजनीतिक स्वतंत्रता कहलाती है। ...
आर्थिक स्वतंत्रता ...
प्राकृतिक स्वतंत्रता ...
नागरिक स्वतंत्रता ...
व्यक्तिगत स्वतंत्रता ...
स्वाभाविक स्वतंत्रता ...
सामाजिक स्वतंत्रता ...
सांस्कृतिक स्वतंत्रता
Explanation:
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Answer:
स्वतंत्रता सर्वोपरि होता है। स्वतंत्र व्यक्ति अपनी इच्छा से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकता है, खा-पी सकता है, कहीं घूम – फिर सकता है तथा विचारों को अभिव्यक्त कर सकता है। गुलामी का जीवन कष्टमय होता है। हमें अंग्रेजों ने दो सौ वर्षों तक गुलाम बनाकर रखा जिसमें हमें काफ़ी यातनाएँ झेलनी पड़ी।
Explanation:
स्वतंत्रता अंग्रेजी भाषा के शब्द (Liberty) का अनुवाद है। "लिबर्टी" (Liberty) शब्द लैटिन भाषा के शब्द लिबर (Liber) का बना हुआ। लैटिन भाषा में लिबर शब्द का अर्थ स्वतंत्रता अर्थात सभी प्रकार की पाबंदियों की अनहोंद। इसका मतलब यह है कि लिबर्टी शब्द की बणतर की दिष्टीकोंन से स्वतंत्रता का अर्थ मनुष्य पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं होना है। सरल शब्दों में स्वतंत्रता का अर्थ है कि मनुष्य पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होना है, और उसे हर काम में मनमानी करने की खुल होना है।
स्वतंत्रता के विद्वानों ने निम्नलिखित प्रकार बताए हैं--
1. राजनीतिक स्वतंत्रता
राज्य की राजनीतिक प्रक्रिया मे स्वतंत्रतापूर्वक सक्रिय भाग लेने की स्वतंत्रता राजनीतिक स्वतंत्रता कहलाती है। लास्की ने इस प्रकार की स्वतंत्रता की परिभाषा करते हुए कहा है, " राजनीतिक स्वतंत्रता का अभिप्राय राज्य के कार्यों व्यापारों मे सक्रिय भाग लेने के अधिकार से है।
2. आर्थिक स्वतंत्रता
प्रत्येक व्यक्ति को जीविका कमाने की समुचित सुरक्षा व सुविधा प्राप्त होना आर्थिक स्वतंत्रता है।
3. प्राकृतिक स्वतंत्रता
प्राकृतिक स्वतंत्रता से तात्पर्य उस स्वतंत्रता से है जो व्यक्ति को प्रकृति द्वारा प्रदान की गई है। यह स्वतंत्रता राज्य की स्थापना से भी पहले प्रकृति की ओर से लोगों को प्राप्त होती है।
4. नागरिक स्वतंत्रता
नागरिक स्वतंत्रता वह स्वतंत्रता है जो व्यक्ति को समाज और राज्य के सदस्य के रूप मे प्राप्त होती। नागरिक स्वतंत्रता की गारंटी राज्य देता है।
5. व्यक्तिगत स्वतंत्रता
व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अर्थ है व्यक्ति को स्वयं के निजी कार्यों, विश्वासों और मामलों मे स्वतंत्रता। उदाहरण के लिए व्यक्ति के रहन-सहन, धर्म, विश्वास, वेशभूषा, परिवार आदि के मामलों मे राज्य या किसी अन्य व्यक्तियों द्वारा किसी प्रकार का हस्तक्षेप नही किया जाना चाहिए।
6. स्वाभाविक स्वतंत्रता
यह स्वतंत्रता मानव स्वभाव के अनुरूप होती है। रूसो और तिलक इसी प्रकार की स्वतंत्रता के पक्षधर थे। तिलक ने इसीलिए कहा है कि स्वंतंत्रता मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है। रूसो का कहना है कि मनुष्य प्राकृतिक युग (राज्य के जन्म के पूर्व से) इसी स्वतंत्रता का उपयोग कर रहा है। अब तो समाज के विकास से वह बन्धनों मे जकड़ गया है।
7. सामाजिक स्वतंत्रता
यह स्वतंत्रता व्यक्ति को समाज मे प्राप्त होती है। वास्तव मे समाज का जन्म ही इसलिए हुआ है कि समाज मे रहने वाले सभी लोगों को यह स्वतंत्रता प्राप्त होनी चाहियें, जिससे वह अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके। इस स्वतंत्रता के अंतर्गत जीवन और संपत्ति की सुरक्षा, आवागमन की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता इत्यादि आती है।
8. सांस्कृतिक स्वतंत्रता
यह भी एक प्रकार की सामाजिक स्वतंत्रता है जिसमे किसी समाज मे रहने वालों को अपनी संस्कृति को बनाये रखने, उसकी रक्षा करने तथा समृद्ध करने की स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
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