स्वदेशी की अवधारणा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
Answers
Answer:
Hello dear here's your answer
Mark as Brainliest
Subscribe my YouTube gajendra bishnoi ke ideas
Follow me on brainly
स्वदेशी का अर्थ है- 'अपने देश का' अथवा 'अपने देश में निर्मित'। वृहद अर्थ में किसी भौगोलिक क्षेत्र में जन्मी, निर्मित या कल्पित वस्तुओं, नीतियों, विचारों को स्वदेशी कहते हैं। वर्ष 1905 के बंग-भंग विरोधी जनजागरण से स्वदेशी आन्दोलन को बहुत बल मिला, यह 1911 तक चला और गाँधी जी के भारत में पदार्पण के पूर्व सभी सफल अन्दोलनों में से एक था। अरविन्द घोष, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, वीर सावरकर, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और लाला लाजपत राय स्वदेशी आन्दोलन के मुख्य उद्घोषक थे।[1] आगे चलकर यही स्वदेशी आन्दोलन महात्मा गांधी के स्वतन्त्रता आन्दोलन का भी केन्द्र-बिन्दु बन गया। उन्होंने इसे "स्वराज की आत्मा" कहा। खुशवंत प्रताप यादव के द्वारा
स्वदेशी की अवधारणा का अर्थ इस प्रकार है
Explanation:
- स्वदेशी शब्द संस्कृत से लिया गया है और यह दो संस्कृत शब्दों का एक संयोजन है। स्व का अर्थ है स्व या स्वयं और देष का अर्थ है देश।
- इस प्रकार स्वदेश का अर्थ है अपना देश और स्वदेशी का अर्थ है स्वयं के देश में निर्मित वस्तुएं।
- स्वदेशी का अर्थ वास्तव में स्वतंत्र, आत्मनिर्भर होना और हमारे देश के प्रति वफादार होना है। "स्वदेशी" शब्द पहली बार 1900 में लोकमान्य तिलक की द्वारा उपयोग में लाया गया ।
- वर्ष 1905 के बंग-भंग विरोधी जनजागरण से स्वदेशी आन्दोलन को बहुत बल मिला।
- महात्मा गाँधी जी ने भी इस धारणा का उपयोग भारत के राष्ट्रवादी आंदोलन में किया।
और अधिक जानें:
What was Swadeshi movement?
https://brainly.in/question/9348013