Science, asked by anujgeraANUJ3661, 11 months ago

संयुक्त मूलक किसे कहते हैं ?

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Answered by yeshasvini2006
6

Answer:

मूलक (radical) तत्वों के ऐसे समूह को कहते हैं, जो यौगिकों में एक रासायनिक तत्व सा व्यवहार करता है। यौगिकों में यह किसी तत्व का स्थान ले सकता है अथवा उसे विस्थापित कर सकता है। मूलक में असंयुक्त बंधुता होती है, जिससे यह असंयुक्त दशा में साधारणतया स्थायी नहीं होता, यद्यपि कुछ मूलक, जैसे कार्बोनिल (CO) और नाइट्रोसिल (NO) असंयुक्त पाए गए हैं।

मूलक अकार्बनिक और कार्बनिक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। अकार्बनिक मूलकों में ऐमोनियम (NH4-), सल्फेट (SO4) और फास्फेट (≡ PO4) एवं कार्बनिक मूलकों में सायनोजन (-CN), बेंजायल (C6H7O-) और मेथाइल (- CH3) उल्लेखनीय हैं। मूलक का विचार गे लुसैक (gay lussac) ने पहले १८१५ ई० में रसायनज्ञों के संमुख रखा था और लिबिख (liebig) और वलर (wohler) ने १८३२ ई० में बेंजायल मूलक पर एक निबंध लिखकर इसके महत्व को बढ़ाया।

मूलक में संयोजकता भी होती है। कुछ मूलक एकसंयोजी, कुछ द्विसंयोजी और कुछ त्रिसंयोजी होते हैं। कुछ समय तक कार्बनिक यौगिकों के अध्ययन में मूलकों का बड़ा महत्व था और उनसे अध्ययन में बड़ी सहायता मिलती थी, पर आज इनका महत्व उतना नहीं रह गया है।

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Answered by pannurekha166
0

Answer:

written below-

Explanation:

मूलक (radical) तत्वों के ऐसे समूह को कहते हैं, जो यौगिकों में एक रासायनिक तत्व सा व्यवहार करता है। यौगिकों में यह किसी तत्व का स्थान ले सकता है अथवा उसे विस्थापित कर सकता है। मूलक में असंयुक्त बंधुता होती है, जिससे यह असंयुक्त दशा में साधारणतया स्थायी नहीं होता, यद्यपि कुछ मूलक, जैसे कार्बोनिल (CO) और नाइट्रोसिल (NO) असंयुक्त पाए गए हैं।

मूलक अकार्बनिक और कार्बनिक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। अकार्बनिक मूलकों में ऐमोनियम (NH4-), सल्फेट (SO4) और फास्फेट (≡ PO4) एवं कार्बनिक मूलकों में सायनोजन (-CN), बेंजायल (C6H7O-) और मेथाइल (- CH3) उल्लेखनीय हैं। मूलक का विचार गे लुसैक (gay lussac) ने पहले १८१५ ई० में रसायनज्ञों के संमुख रखा था और लिबिख (liebig) और वलर (wohler) ने १८३२ ई० में बेंजायल मूलक पर एक निबंध लिखकर इसके महत्व को बढ़ाया।

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