Sabha ki Rai mein vidhayika mein mahilaon ke liye Aarakshan vidhayika ko majboot Karega Vishay par vipaksh mein debate ke liye kuch jankari deejiye!!!
plzzzz bahut zaroori hai...
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सभा की राय में विधायिका में महिलाओं को आरक्षण विधायिका को मजबूत करेगा के विपक्ष में तर्क -
--- आरक्षण योग्यता का हनन हैं। आरक्षण किसी को जीने का सहारा देने तक हो तब तक तो फिर भी जायज ठहराया जा सकता हैं। किन्तु आरक्षण से आकर अयोग्य व्यक्ति शासन के लिए नीतियों का निर्माण करें, कितना हास्यास्पद लगता हैं।
---- विधायिका का कार्य नीतियों का निर्माण करना और शासन का संचालन करना होता हैं। यहां सदैव योग्य व्यक्तियों का निर्वाचन होना चाहिए। यदि महिलाओं में योग्यता हैं तो वह अपने आप आगे आ जायेगी। उसे आरक्षण की बैशाखी की क्या आवश्यकता हैं? इंदिरा गांधी को तो कोई आरक्षण नहीं मिला था। सरोजनी नायडु, सुचिता कृपलानी, विजयलक्ष्मी पंडित अपनी योग्यता से आगे आ सकती हैं तो अन्य महिलाएं भी आ सकती हैं।
---- आरक्षण का लाभ देकर विधायिका में पहूंची महिलाएं किस प्रकार का शासन संचालन करेंगी, यह बात किसी से छिपी नहीं हैं। क्या ऐसी महिलाओं के हाथ में शासन की बागडोर सौप देना समझदारी भरा फैसला होगा?
----- हमें जरूरत हैं कि अच्छी शिक्षा प्रदान कर सुयोग्य नागरिकों का निर्माण करने की। जो देश की सेवा कर सकें। यदि हम आरक्षण की बैशाखी पकड़ाकर किसी को आगे लाने की कोशिश करेंगे तो यह देश के लिए घातक साबित भी हो सकता हैं। हमें देश के लिए भी सोचना हैं। हम महिला विरोधी किचिंत भी नहीं हैं। फिर भी हम चाहते हैं कि देश की बागडोर योग्य व्यक्तियों के हाथों मे रहे।
--- संविधान के अनुसार सभी को समानता का अधिकार होना चाहिए, फिर आरक्षण देकर असमानाता लाने का विचार क्यों किया जाए।