Hindi, asked by ShuchiRecites, 1 year ago

सबको स्वतंत्रता दवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

आज इस उत्सव पर अपने देश के लिए ऐसी सुंदर कविता लिखिए जिसे देख हर हिन्दुस्तानी गर्व करे।

आज देश के लिए इमानदारी से एक लंबी कविता की रचना करे

जय हिन्द!

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ShuchiRecites: Yeah sure

Answers

Answered by TheLifeRacer
31
नमस्कार हिंदवासी !!!

jαí hínd ❤

आप सभी को सबसे पहले स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये !!!

(★1) मैं भारत वर्ष का हरदम अमित
........समान करता हु ।
यहाँ के चांदनी मिट्टि का ही गुणगान करता हु ,
मुझे चिंता नही है स्वर्ग जाकर .
........मोछ पाने की
तिरंगा हो कफ़न मेरा बस यही
......... अरमान रखता हू।

(कश्मीर ) ( शीर्षक)

(★2)तुम छोड़ के मत जाना कश्मीर ,
रिश्तों को तोड़ मत आंना जमीर ।
तू भारत माता के गोद में पला ,
प्यारी प्यारी बाते बोला !
तुम छोड़ के मत जाना कश्मीर ,
रिस्तो को तोड़ मत आना जमीर !
दुसमन पाक को तुम देना चिर ।
तुम छोड़ के मत जाना कश्मीर !
रिस्तो को तोड़ मत आना जमीर
तु डरना नही ।
हम हिंदवासी है तेरे साथ !
हमारी चिंता तू मत करना !
बस , तुम छोड़के मत आना कश्मीर ।
रिस्तो को छोड़ मत आना जमीर ।

★ (3)
इतनी सी बात हवाओ को बताये
....... रखना ,
रौशनी होगी चिरागों को जलाये
.......रखना ,
लहू देकर जिसकी की है हिफाजत
......हमने ,
ऐसे तिरंगे तो हमेशा दिल में
......बसाये रखना ।

कुछ जोशीले कविताएं प्रस्तुत किये गए है ।

(★4)
ओये पाक सुन भारत है ,
सोने की चिड़िया ,
लालच करना पाप है ,
यदि समझते हो अपने को शक्तिशाली
तो मत भूलो भारत है तेरा बाप !!

(★5) आओ देश का सम्मान करे ,
शहीदों की शहादत को यद् करे ,
एक बार फिर से रास्ट्र की कमान
हम हिंदुस्तानी अपने हाथ धरे,
आओ स्वतंत्रता दिवस का सम्मान
.......करे ।

(★6) कतरा - कतरा भी दिया वतन के
.............वास्ते ,
एक बून्द तक न बचाई इस तन
... के वास्ते !!!
यु तो मारते है लाखो लोग रोज,
पर मारना वो है दोस्तों , जो जान
जाये वतन के लिए !!

____________________________
fєєl thє prídє σf вєíng ѕuch
thє pαrt σf such a
glσríσuѕ nαtíσn

न पूछो जमाने को ,की क्या हमारी कहानी
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम हम हिंदुस्तानी है ।

____________________

★мr. perғecт.★
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Answered by vikram991
17
Answer: ❤❤❤❤❤

सदियों से इस धरती ने अपनों को मिट्ते देखा है

अपने वीर सपूतों को मिट्टी में मिलते देखा है।

जहाँ हर घर में राणा प्रताप अौर बहादुर शाह से वीर हुए

फिर भी आपस में लड़कर के हम सब चूर-चूर हुए।

जहाँ की हर बेटी लक्ष्मीबाई अौर हाड़ा रानी सी वीर हुई

फिर क्यों वो धरती अपनों के लहू से चीर-चीर हुई।

क्यों मैंने अौर तूने इस तिरंगे को भी बाँट लिया

क्यों मैंने भगवा अौर तूने हरे को था छाँट लिया।

क्यों काँधे से काँधा मिलाकर हम खड़े न हुए सामने शत्रु के

क्यों मैं विक्रम बत्रा के मरने पर रोया अौर तू अब्दुल हमीद के?

जब दीवाली में अली बसे अौर राम बसे रमज़ान में

फिर क्यों न हम एक हो सके अपने इस हिन्दुस्तान में?

याद मुझे 26/11 जब सारा देश लहुलुहान हो गया

क्यों उस दिन भी मैं हिन्दु अौर तू मुसलमान हो गया?

जब रक्त लाल हैं दोनों के अौर माटी भी है एक

फिर भी क्यों न हम एक हो सके,क्यों मारे गए अनेक?

क्यों न हमने उस शत्रु को तभी था मिटा दिया

जिसने हमारे देश को था घुटनों पर टिका दिया।

अाज अाजादी के 70 वर्ष बाद भी यह देश ग़ुलाम है

क्योंकि अाज भी मैं हिन्दू हूँ अौर तू मुसलमान है।

By: vikram Charan

(vikram991)
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