सही विकल्प को रेखांकित कीजिए :
(a) जब कोई संरक्षी बल किसी वस्तु पर धनात्मक कार्य करता है तो वस्तु की स्थितिज ऊर्जा बढ़ती है। घटती है/अपरिवर्ती रहती है।
(b) किसी वस्तु द्वारा घर्षण के विरुद्ध किए गए कार्य का परिणाम हमेशा इसकी गतिज/स्थितिज ऊर्जा में क्षय होता है।
(c) किसी बहुकण निकाय के कुल संवेग-परिवर्तन की दर निकाय के बाह्य बल/आंतरिक बलों के जोड़ के अनुक्रमानुपाती होती है।
(d) किन्हीं दो पिंडों के अप्रत्यास्थ संघट्ट में वे राशियाँ, जो संघट्ट के बाद नहीं बदलती हैं; निकाय की कुल गतिज ऊर्जा/कुल रेखीय संवेग/कुल ऊर्जा हैं।
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सही विकल्प का रेखांकन करना और कारण स्पष्ट करना।
Explanation:
(a) घटता है
जब कोई संरक्षी बल किसी वस्तु पर धनात्मक कार्य करता है तब वह वस्तु को विस्थापित करता है बल की दिशा में , नतीजतन वास्तु बल के केंद्र की ओर बढ़ती है। इससे दोनों के बीच की दूरी घट जाती है इसलिए वस्तु की स्थितिज ऊर्जा घटती है।
(b) गतिज ऊर्जा
घर्षण की दिशा के विरुद्ध किया गया कार्य वस्तु के वेग को कम करता है। इसलिए वहाँ गतिज ऊर्जा का नुकसान होता है।
(c) बाहरी बल
आंतरिक बल चाहे उनकी दिशा कुछ भी हो कुल बल में कोई बदलाव नहीं कर सकते हैं
इसलिए बहुकण निकाय के कुल संवेग-परिवर्तन की दर निकाय के बाह्य बलों के जोड़ के अनुक्रमानुपाती होती है
(d) कुल रैखिक गति
कुल रैखिक गति हमेशा संरक्षित रहती है।
गतिज ऊर्जा को परिभाषित कीजिए और सूत्र की स्थापना कीजिए
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