samachar patra ki upyogita in hindi essays
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samachar Patra se logo Ko kisi bhi chij ki jankari mil jaati hai.
समाचार पत्रो की उपयोगिता
मानव - मन आदि काल से जिज्ञासु रहा है । मानव अपने वातावरण के प्रति कभी भी उपेक्षा का भाव न रख सका , क्योंकि वह संवेदनशील प्राणी है । मानव अपने आस - पास की तथा देश - विदेश की जानकारी और संसार में होने वाले परिवर्तनों को जानना चाहता है , क्योंकि वह सामाजिक प्राणी है तथा वह समाज एवं संसार के परिवर्तन से आँखें नहीं मूंद सकता।
संसार के समाचारों को जानने का सबसे सरल एवं सस्ता साधन समाचार - पत्र है । समाचार - पत्र मानव - जीवन की दिनचर्या का अंग बन चुके हैं , क्योंकि इन्हीं से प्रतिदिन की विभिन्न प्रकार की घटनाओं का एक संकलन शुरू होता है ।
समाचार - पत्र अनेक प्रकार से उपयोगी हैं । जनतंत्र में समाचार - पत्रों की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है । समाचार - पत्रों के माध्यम से सरकार अपनी नीतियों को जनता तक पहुँचाती है तथा जनता भी अपनी भावनाएँ सरकार तक पहुँचाती है । लोकमत का निर्माण समाचार - पत्रों के माध्यम से ही होता है । राष्ट्रीय नीति - निर्धारण , जनमत - संग्रह तथा देश की राजनैतिक गतिविधियों की स्थिति में समाचार - पत्र का महत्वपूर्ण योगदान होता है । सरकारी कानूनों , नीतियों एवं योजनाओं के गुण - दोषों के प्रति जनभावना का पता भी समाचार - पत्रों के माध्यम से ही चलता है।
समाचार - पत्र मनोरंजन के साधन तो हैं ही , ज्ञान - विज्ञान बढ़ाने के साधन भी हैं । एक समाचार - पत्र में खेल - कूद , राजनैतिक गतिविधियों , बाज़ार - भाव , चलचित्र , विज्ञान , देश - विदेश के सामाचार , संपादकीय तथा शेयर मार्किट के समाचार सम्मिलित रहते हैं।
समाचार - पत्र ज्ञान - विज्ञान तथा मनोरंजन का सस्ता और लोकप्रिय साधन है । इतनी सारी जानकारियाँ इतने थोड़े पैसों में मिलना कठिन है । इसमें समाचार आदि विस्तार से होते हैं । व्यापारी अपने उत्पादन के विज्ञापन देकर अपनी बिक्री को बढ़ाते हैं । इसी तरह नौकरियों , शादी - विवाह , खरीदने - बेचने , टेंडर आदि अनेक प्रकार के विज्ञापनों से कठिन - से - कठिन काम भी सरल हो जाता है । समाचार - पत्रों के माध्यम से कारखाने वालों को कुशल कर्मचारी मिल जाते हैं , तो व्यक्तियों को नौकरियाँ । आधुनिक युग में समाचार - पत्र हमारे दैनिक जीवन और सोचने के दृष्टिकोण पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं ।
समाचार - पत्रों के रविवारीय संस्करणों में कहानियाँ , कविताएँ तथा विविध प्रकार के लेख प्रकाशित होते हैं । साहित्यिक अभिरुचि रखने वाले लोगों के लिए उस दिन का समाचार - पत्र उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है । रविवार के आलोचनात्मक लेख तथा विभिन्न प्रकार की ज्ञानवर्धक सामग्रियाँ भी अत्यंत रुचिकर होती हैं । समाचार - पत्रों में खेलों की जानकारी और समीक्षा भी प्रस्तुत की जाती है । समाचार - पत्रों के माध्यम से जनजागरण तो होता ही है , जनमानस के विचारों में क्रांति भी उत्पन्न होती है ।
भारत में कई दैनिक समाचार - पत्र प्रकाशित होते हैं- नवभारत टाइम्स , जनसत्ता , दैनिक जागरण , हिंदुस्तान , पंजाब केसरी , अमर उजाला आदि हिंदी के तथा टाइम्स ऑफ़ इंडिया , हिंदुस्तान टाइम्स , ट्रिब्यून , स्टेट्समैन आदि अंग्रेज़ी के समाचार - पत्र हैं । इनके अतिरिक्त इंडिया टुडे , आलटलुक जैसी कई साप्ताहिक - पत्रिकाएँ भी प्रकाशित हो रही हैं । इनके अलावा चंदा मामा , चकमक , नंदन , चंपक , बाल हंस , कादंबिनी , सरिता , रीडर्स डाइजेस्ट , इलस्ट्रेटिड वीकली ऑफ़ इंडिया जैसी अनेक पत्रिकाएँ भी निकलती हैं ।
इस प्रकार यह स्पष्ट है कि समाचार - पत्र ज्ञान - विज्ञान , मनोरंजन , शिक्षा एवं जनसंपर्क के उचित माध्यम और प्रजातंत्र की सफलता के आधार हैं ।