Hindi, asked by Goutam5607, 8 months ago

"समसामयिक जीवन की आवश्यकताओं" पर शोध करें। इन आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए शिल्प को किस प्रकार बनाया और बेचा जा सकता है?

Answers

Answered by saradapudi711
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Answer:

---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.

Answered by dcharan1150
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"समसामयिक जीवन की आवश्यकताओं" पर शोध करें। इन आवश्यकताओं की

पूर्ति के लिए शिल्प को किस प्रकार बनाया और बेचा जा सकता है?

Explanation:

उत्तर :- समसामयिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आज बहुत सारी शिल्प-उद्योग काम कर रहीं हैं। इसलिए शिल्पकारों को लोगों की जरूरतों को समझते हुए ज्यादा व्यावहारिक वस्तुओं का निर्माण करना चाहिए, जो की लोगों के असल जिंदगी में ज्यादा कार्यात्मक होना चाहिए।

वस्तुओं की डिज़ाइन में नयापन और सुंदरता अवश्य ही होनी चाहिए, जिससे लोग आकर्षित हो, तथा उस वस्तु में उनकी हितों की पुष्टि भी हो रही हो। वस्तुओं की कीमत भी बाजार के हिसाब से प्रतियोगिता मूलक होना चाहिए। जिससे उस वस्तु के प्रति लोगों का ध्यान जाए और इसके गुणवत्ता में कमी भी नहीं आनी चाहिए।

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