‘सपनों के से दिन’ कहानी के आधार पर पी.टी. साहब के व्यक्तित्व की दो विशेषताएँ बताते हुए लिखिए कि स्काउट परेड करते समय लेखक स्वयं को महत्वपूर्ण आदमी, एक फौजी जवान क्यों समझता था?
Answers
सपनों के से दिन
पी.टी. सर का चरित्र
पी.टी. सर सख्त स्वभाव के थे | वह बच्चों को गलती करने पर सज़ा देते थे | वह बच्चों पर कोई दया नहीं करते थे | वह अनुशासन को बहुत मानते थे , उनका कहना था की अनुशासन के माध्यम से बच्चों को सुधार जा सकता है | अनुशासन को बनाए रखने के लिए वह बच्चों को मारते थे |
जब कोई बच्चा गलती नहीं करता था तो वह शाबाशी भी देते थे |
वह एक सख्त एवं कुशल अध्यापक थे| वह छात्रों को स्काउट एवं गाइड की ट्रेनिंग भी दिया करते थे|पी.टी. सर कितने कठोर या ह्दयहीन व्यक्ति क्यों न हो। परन्तु कुशल प्रशिक्षक थे। उनसे प्रशिक्षण लेते समय बच्चे अच्छी परेड करते थे। इसमें उनकी कोई बराबरी नहीं कर सकती था। यहाँ तक उस समय बच्चे भी प्रसन्न रहा करते थे।
स्काउट परेड करते समय लेखक स्वयं को महत्वपूर्ण आदमी, एक फौजी जवान इसलिए समझते थे क्योंकि उन्हें अनुशासन भीत पसंद था और वह देशभक्ति इंसान थे|
Answer:
सपनों के से दिन. कहानी के आधार पर पी.टी. साहब के व्यकिात्व को दो विशेषताएँ है- 1). पी.टी. सर बहुत ही अनुशासन प्रिय और कतर स्वभाव के थे। उन्हें स्कूल में कभी भी किसी ने मुस्कराने हुए नहीं देखा था। सुबह की प्रार्थना सभा में किसी सड़के द्वारा सिर इधर-उधर हिलाने पर वे शेर की तरह अपट पडो थे और खाल खींचने के मुहावरे को भी चरितार्थ कर देते थे। 2).पी.टी. साहय पक्षियों से बहुत प्रेम करते थे। उन्होंने अपने घर में दो तोतों को पाल रखा था। अवकाश के समय पिंजरे में रखे उन दो तोतों को बादाम आदि खिलाते थे। इससे पक्षियों के प्रति उनका अनुराग शसकता है। पी.टी. सारव जैसे कठोर और अनुशासित अध्यापक के निर्देशन में स्काउट परेड करते समय लेखक साफ सुथरे धोवी के धुले कपड़े, पॉलिश किए हुए यूट, जुरायों को पहन कर जाय ठक-ठक करके चलता था तो यह अपने आपको महत्वपूर्ण आदमी और फौजी से कम नहीं समझते थे। उनके मन में इस प्रकार फौजी बनने की इच्छा होती थी।
Explanation: hope its help