Hindi, asked by kratan81, 7 months ago

सर्वदा व्यवहारे स्यात् औदार्यं सत्यता तथा ।
ऋजुता मृदुता चापि कौटिल्यं न कदाचन ka arth​

Answers

Answered by shishir303
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सर्वदा व्यवहारे स्यात् औदार्यं सत्यता तथा।

ऋजुता मृदुता चापि कौटिल्यं न कदाचन ।।

भावार्थ : हमारे व्यवहार में हमेशा उदारता होनी चाहिए, हमारे व्यवहार में सच्चाई होनी चाहिए, हमारा व्यवहार एकदम सरल होना चाहिये और सबसे महत्वपूर्ण कि हमारे व्यवहार में मधुरता होनी चाहिए। हमारा व्यवहार यदि इन सब गुणों से परिपूर्ण है, तो हम सबके प्रिय बन सकते हैं। हमारा व्यवहार कुटिलता से भरा कभी नही होना चाहिये। कुटिल व्यवहार वाले व्यक्ति कोई नही पसंद करता।

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