Hindi, asked by hguptamscp9y6xx, 1 year ago

Self written story in hindi in 350 words

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Answered by amira93
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एक समय की बात है, एक राजा ने एक पालतू बन्दर को अपने सेवक के रूप में रखा हुआ था। जहाँ – जहाँ राजा जाता, वह बन्दर भी उसके साथ जाता। राजा के दरबार में उस बन्दर को राजा का पालतू होने के कारण कोई रोक – टोक नहीं थी। एक गर्मी के मौसम के दिन राजा अपने शयन पर विश्राम कर रहा था। वह बन्दर भी शयन के पास बैठ कर राजा को एक पंखे से हवा कर रहा था। तभी एक मक्खी आई और राजा की छाती पर आकर
बैठ गयी। जब बन्दर ने उस मक्खी को बैठा देखा तो उसने उसे उड़ाने का प्रयास किया। हर बार वो मक्खी उड़ती और थोड़ी देर बाद फिर राजा की छाती पर आ कर बैठ जाती। यह देख कर बन्दर गुस्से से लाल हो गया। गुस्से में उसने मक्खी को मारने की ठानी। फिर वो बन्दर मक्खी को मारने के लिए हथियार ढूडने लगा। कुछ दूर ही उसे राजा की तलवार दिखाई दी। उसने वो तलवार उठाई और गुस्से में मक्खी को मारने के लिए पूरे बल से तलवार राजा की छाती पर मार दी। इससे पहले की तलवार मक्खी को लगती, मक्खी वहाँ से उड़ गयी। बन्दर के बल से किये गए वार से मक्खी तो नहीं मरी मगर उससे राजा की मृत्यु अवश्य हो गयी।

इसलिए कहते है कि मूर्ख को अपना सेवक बनाने में कोई भलाई नहीं!
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