Servan
...
2. जब मैं था
समाहि।।
(क) "जब मैं था तब हरि नहीं', 'मैं' का अर्थ स्पष्ट कीजिए। उसके होने पर कौन नहीं होता
है और क्यों?
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मैं का अर्थ है अहंकार, मतलब जब अहंकार था तब ईश्वर नहीं थे।और जब अंहकार खत्म हो गया तो ईश्वर की प्राप्ति हो गई।
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