शेखर एक छोटा लड़का- माँ के साथ झोपड़ी में रहना-बरसात के दिन-
आंधी और तूफान आना-रेल की पटरी उखड जाना-मोखर की नजर में आना
रेलगाड़ी आने का समय होना--लाल कमीज पकड़कर पटरी पर खड़ा रहना
रेल रुकना-यात्रियों द्वारा भला-बुरा कहना-ड्राइवर का देखना-शेखर
के कारण यात्रियों की जान बचना-राष्ट्रपति द्वारा स्वर्ण पदक-सीख।
Answers
शेखर एक छोटा लड़का था। गरीबी के कारण अपनी माँ के साथ झोपड़ी में रहता था । एक बार बरसात के दिनो में अचानक से आंधी और तूफान आया। चारों तरफ हाहाकार मच गया। धरती फट गयी । उस जगह में रेल की पटरी उखड गयी। शेखर की नजर में आ गयी। तभी उसको ध्यान आया कि रेलगाड़ी आने का समय हो गया है। उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे। फिर उसे ध्यान आया कि लाल कपड़े से इशारा करके रोकने की कोशिश करता हूँ । उसकी नज़र अपनी कमीज पर पड़ी । अपनी कमीज़ पकड़कर पटरी पर खड़ा हो गया । लाल कपड़े को देख कर रेल रुक गई। रेल रुकने पर सभी यात्री बाहर आ गए व शेखर को भला -बुरा कहा । ड्राइवर ने पटरी की तरफ देखा और बाहर आकर सारी बात बताई। शेखर के कारण यात्रियों की जान बच गई। इतने लोगों की जान बचाने के लिए राष्ट्रपति द्वारा स्वर्ण पदक दिया गया।
सीख : पूरी जानकारी होने पर ही अपने विचार व्यक्त करने चाहिए ।
Explanation:
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