Hindi, asked by shikharani7aknps, 1 month ago

शिल्पा नामक वाशिग पाउडर कर एक आणविक विज्ञापन बनाए​

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Answered by CuteJimmy21
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नई दिल्ली। 90 का दशक वो दौर था जब लोगों की जिंदगी दो-चार टेलीविजन के चैनलों पर अटकी हुई थी। चुनिंदा कार्यक्रमों और विज्ञापनों से लोग खुश थे। आज भी उस दौर की सारी बातें लोगों को याद हैं। अब जब 90 के दशक के विज्ञापनों की बात हो रही है तो निरमा वॉशिंग पाउडर का ऐड स्वत: ही जुबान पर आ जाता है। इसका जिंगल आज भी लोगों के जेहन में ताजा है।

वॉशिंग पाउडर निरमा का वो गाना लोग तब भी गुनगुनाते थे और आज भी यह सभी को याद है। आपने जरूर गौर फरमाया होगा कि निरमा वॉशिंग पाउडर के पैकेट पर एक लड़की सफेद फ्रॉक पहने नजर आती है, लेकिन क्या आपने कभी इस बात को जानने की कोशिश की है कि आखिर कौन है यह लड़की? क्या है इसके पीछे की सच्चाई? आइए जानते हैं।

करसन भाई

बता दें, साल 1969 में गुजरात के करसन भाई ने निरमा वॉशिंग पाउडर की शुरुआत की थी। करसन भाई की एक बेटी थी जिससे वे बेहद प्यार करते थे। वैसे तो उनकी बेटी का नाम निरूपमा था, लेकिन प्यार से वे अपनी बिटिया को निरमा कहकर बुलाते थे। हर एक पिता की तरह करसन भाई भी अपनी बेटी को आंखों से ओझल नहीं होने देते थे, लेकिन किस्मत पर किसका वश चलता है।

एक दिन कहीं जाने के दौरान निरुपमा का एक्सीडेंट हो गया और उसकी मौत हो गई। इस घटना से करसन भाई इस कदर टूट गए कि उन्हें संभालना मुश्किल हो गया था। वे हमेशा से ही इस बात की ख्वाहिश रखते थे कि उनकी निरमा बड़ी होकर खूब नाम कमाए, लेकिन असमय निधन हो जाने से उनका यह ख्वाब पूरा नहीं हो सका, लेकिन वो इस बात को ठान चुके थे कि निरमा को वो अमर कर देंगे। उन्होंने निरमा वॉशिंग पाउडर की शुरुआत की और पैकेट पर निरमा की तस्वीर लगानी शुरू कर दी।

washing powder nirma

हालांकि यह सफर उतना आसान नहीं था क्योंकि उस समय मार्केट में सर्फ जैसे पाउडर का रूतबा छाया हुआ था। उस वक्त सर्फ की कीमत 15 रुपये प्रति किलो थी। करसनभाई निरमा को सिर्फ साढ़े तीन रुपये प्रति किलो.के दर से बेचने लगे। जिनकी आय कम थी उन्हें यह विकल्प बेहतर लगा। धीरे-धीरे निरमा को लोग जानने लगे।

करसनभाई सरकारी नौकरी करते थे। हर रोज साइकिल से दफ्तर जाने के दौरान रास्ते में लोगों के घरों में निरमा वॉशिंग पाउडर बेचते रहते थे। अहमदाबाद में लोग एक बड़े स्तर पर अब निरमा को जानने लगे थे। तीन साल तक कड़ी मेहनत करने के बाद उन्होंने इस वॉशिंग पाउडर के फॉर्मूले को तैयार किया।

इसे बनाने से लेकर बेचने तक का हर काम वे स्वयं करते थे। एक वक्त के बाद उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी और पूरा का पूरा ध्यान निरमा पर लगा दिया।

Nirma girl

उन्होंने निरमा के लिए एक टीम का निर्माण भी किया जो आसपास के दुकानों में जाकर इस पाउडर को बेचते थे। अब समस्या आने लगी और वो ये कि ऐसे कई लोग थे जिन्हें करसनभाई उधारी पर माल दिया करते थे, लेकिन जब पैसे लौटाने की बारी आती तो दुकानदार एक लंबा चौड़ा बहाना बता देता था। इससे करसनभाई को घाटा होने लगा था।

एक दिन उन्होंने एक टीम मीटिंग बुलाकर इस बात की घोषणा कर दी कि,बाजार में जितने भी निरमा के पैकेट हैं उन सभी को वापस ले आओ। टीम को लगा कि करसनभाई अब हार मान चुके हैं, निरमा अब जल्द ही बंद होने वाला है, लेकिन करसनभाई के दिमाग में कुछ और ही दौड़ रहा था। वो अब विज्ञापनों में निवेश करने का फैसला ले चुके थे।

washing powder nirma

निरमा का विज्ञापन एक बहुत ही शानदार जिंगल के साथ टीवी पर आने लगा। देश भर में रातोंरात निरमा ने लोगों का ध्यान आकर्षित कर लिया। ‘वॉशिंग पाउडर निरमा’ यह गाना लोगों की जुबां पर चढ़ गया। निरमा अब केवल गुजरात के अहमदाबाद में ही नहीं बल्कि देश में अपनी पहचान बना चुका था।

अब तो करसनभाई अपनी पुरानी गलतियों से भी सीख ले चुके थे, उन्होंने उधारी में माल देना ही बंद कर दिया। एक वक्त जिन दुकानदारों ने उनसे मुंह मोड़ लिया अब वे भी उनसे निरमा मंगाने लगे। धीरे-धीरे उनका सीक्रेट फार्मूला हिट हो गया और अब सच्चाई सबके सामने है। आज भी लोग ‘वॉशिंग पाउडर निरमा’ के गाने को याद करते हैं। वाकई में निरमा को अमर बनाने का उनका सपना पूरा हो गया।

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