World Languages, asked by sonkamble206, 2 months ago

श्रम ही सफलता का मार्ग पर कहाणी लिखे

Answers

Answered by nitur8252
4

मोहन आठवीं कक्षा का विद्यार्थी था। वह विज्ञान के विषय में बहुत कमजोर था। कक्षा में अध्यापक से प्रतिदिन उसकी पिटाई होती और भरी कक्षा में उसे प्रतिदिन अपमानित होना पड़ता था। विज्ञान अब उसके लिए एक भय का विषय हो गया था।

एक दिन स्कूल से वापिस जब घर पहुंचा तो वह बहुत उदास था। घर में उसका चचेरा भाई दीपक आया हुआ था। बड़ी खुशी से दीपक मोहन से मिलने को उठा तो मोहन का रुआंसा मुंह दीपक से छिपा न रह सका। कारण पूछने पर मोहन ने उसे सारी बात बताई कि वह विज्ञान के विषय में बहुत कमजोर है और सारी कक्षा के सामने उसे अध्यापक द्वारा अपमानित होना पड़ता है। दीपक ने मोहन से कहा-भई इसमें घबराने की क्या बात है। परिश्रम करने से क्या सम्भव नहीं हो सकता। तब उसने उसे समझाया-

करत-करत अभ्यास के जहुमति होत सुजान,

रसरी आवत जावत ते, सिल पर परत निसान।

अगर एक कोमल रस्सी कठोर पत्थर पर निशान डाल सकती है तो वह अभ्यास द्वारा क्या नहीं कर सकता। उसने मोहन को कहा कि वह रोज ही अध्यापक द्वारा पढ़ाया पाठ घर पर आकर दो-चार बार पढ़ा करे तो अवश्य ही विज्ञान का विषय ही क्या कोई भी कार्य उसके लिए सरल हो जाएगा।

मोहन ने दीपक की बात मान ली। प्रतिदिन घर में आकर वह नित्य प्रति अध्यापक द्वारा पढ़ाया पाठ याद करता याद करने के बाद उसे लिख कर भी देखता। कक्षा में पढ़ाया पाठ नित्य प्रति याद कर लेता। उसे अब विज्ञान कठिन नहीं लगा। उसका विज्ञान के प्रति भय भी अब समाप्त हो गया।

अर्द्ध-वार्षिक परीक्षा में विज्ञान का पेपर अन्य विषयों की अपेक्षा सुन्दर हुआ। परिणाम आने पर उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा जब उसे विज्ञान में 80% अंक प्राप्त हुए। उसके अध्यापक को भी बहुत प्रसन्नता हुई। उन्होंने बालसभा प्रोग्राम में स्टेज पर मोहन को खड़ा कर अपनी ओर से 20 रू. का विशेष पुरस्कार दिया और उसका उत्साह बढ़ाया। उनके प्रधानाध्यापक ने भी उसे पुरस्कार दिया। सच ही है परिश्रम ही सफलता का रहस्य है। परिश्रम द्वारा मनुष्य जीवन की हर कठिनाई का सामना कर सकता है।

शिक्षा– परिश्रम सफलता की कुंजी है।

here's your answer...

hope it's helpful to you......

Similar questions