शब्द से क्या तात्पर्य है? उदाहरण देकर शब्द की विशेषताएं बताएं
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वर्णो के ऐसे समूह जिनका अर्थ सार्थक होता है ऐसे समूहों को शब्द कहते है।” भाषा में वर्ण के बाद सबसे छोटी इकाई शब्द होती है। ... एक से अधिक वर्णो से निर्मित शब्द = आप, वह, कोई आदि। विकिपीडिया के अनुसार ” एक या एक से अधिक वर्ण [(बहुविकल्पी शब्द)वर्णों] से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ईकाई ही'शब्द'कहलाते है।”
अक्षरों के समूह जिनका कोई सार्थक अर्थ होता है, शब्द कहलाते हैं। अक्षर के बाद शब्द भाषा की सबसे छोटी इकाई है। ... एक से अधिक अक्षरों से बने शब्द = आप, वह, कोई आदि।
अक्षरों के समूह जिनका कोई सार्थक अर्थ होता है, शब्द कहलाते हैं।
अक्षर के बाद शब्द भाषा की सबसे छोटी इकाई है।
उदाहरण:- एक अक्षर से बना शब्द = न (जिसका अर्थ न हो)।
एक से अधिक अक्षरों से बने शब्द = आप, वह, कोई आदि।
एक अक्षर से बने शब्द जैसे:- ना (नहीं)
अनेक वर्णों से बने शब्द:- कुत्ता, सिंह, कमल, नेत्र, महल, सर्वव्यापी, परमात्मा आदि।
शब्दों के प्रकार
सामान्यतः शब्द 2 प्रकार के होते हैं।
1. रचना के आधार पर शब्द
रचना के आधार पर अर्थात अक्षरों के योग और परिवर्तन से बने शब्द रचना के आधार पर शब्द कहलाते हैं।
- क्लिच संज्ञा
- यौगिक संज्ञा
- यौगिक संज्ञा
(मैं)। क्लिच संज्ञा
जिस संज्ञा शब्द का सार्थक रूप से खण्डन न किया जा सके अर्थात् सबसे छोटी सार्थक संज्ञा (नाम) को रूढ़िवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण:- राम, कृष्ण, सीता, राधा, विष्णु, जल, अग्नि, जल आदि।
(ii). यौगिक संज्ञा
वह संज्ञा जो दो या दो से अधिक जातिवाचक संज्ञाओं से मिलकर बनी हो। यौगिक संज्ञा कहलाते हैं।
उदाहरण :- दशरथ = दस + रथ, पाठशाला = पाठ + पाठशाला
(iii)। यौगिक संज्ञा
दो जातिवाचक संज्ञाओं से बनी हुई संज्ञा को यौगिक संज्ञा कहते हैं, लेकिन यौगिक संज्ञाओं का अर्थ जातिवाचक संज्ञाओं (जिससे वे बनी हैं) से भिन्न होता है।
उदाहरण :- दशानन अर्थात रावण - दस + आनन
नोट:- बहुवचन यौगिक के वे उदाहरण जो नामों से संबंधित हैं, यौगिक संज्ञा के उदाहरण हैं।
2. अर्थ पर आधारित शब्द
प्रत्येक शब्द का कुछ अर्थ होता है और कुछ शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, इसी प्रकार अर्थ के आधार पर वर्गीकृत शब्दों को अर्थ के आधार पर शब्द कहते हैं।
अर्थ के आधार पर शब्द पाँच प्रकार के होते हैं।
- संज्ञा
- सवर्नाम
- गतिविधि
- विशेषण
- अभिन्न
(मैं)। संज्ञा
संज्ञा का शाब्दिक अर्थ नाम होता है। इसलिए व्यक्ति, गुण, जीव, जाति, स्थान, वस्तु, क्रिया और भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के आधार पर पद/शब्द 5 प्रकार के होते हैं।
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- परिमाणवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
(ii). सवर्नाम
वे शब्द जो संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं और संज्ञा के उस स्थान पर आने का अर्थ पूरा करते हैं परन्तु संज्ञा (असली नाम) नहीं होते।
सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ होता है सबके नाम। अर्थात सर्वनाम शब्द किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सभी (वाक्य बोलने वालों) का नाम है।
उदाहरण :- मैं चाय पीकर खाना खाता हूँ ।
यहाँ मैं किसी एक व्यक्ति का सूचक नहीं हूँ बल्कि इस वाक्य को बोलने वाले प्रत्येक व्यक्ति का सूचक सर्वनाम के रूप में है।
सर्वनाम मुख्यतः 6 प्रकार के होते हैं।
- व्यक्तिगत सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
- निश्चित सर्वनाम
- अनिश्चितकालीन सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- अधिकार सर्वनाम
(iii)। गतिविधि
जिन शब्दों से किसी क्रिया (कार्य) के पूरा होने का बोध हो और कोई कार्य वर्तमान में पूरा हो रहा है या चल रहा है आदि का बोध कराने वाले शब्द क्रिया कहलाते हैं।
धातु :- क्रिया के मूल रूप की मुख्य धातु कहाँ होती है। धातु से ही क्रिया बनती है।
क्रिया के आधार पर या रचना के आधार पर क्रिया दो प्रकार की होती है।
- सकर्मक
- अकर्मक
(iv)। विशेषण
वे b जो संज्ञा और सर्वनाम (वस्तु, व्यक्ति, स्थान और उनके नाम के स्थान पर प्रयुक्त सर्वनाम) की विशेषता बताते हैं, विशेषण कहलाते हैं।
जो शब्द विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं और जिनकी विशेषता बताई जाती है उन्हें विशेषण कहते हैं।
उदाहरण:- राम पतला लड़का है।
विशेषण मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं।
- सर्वनाम विशेषण
- गुणवाचक विशेषण
- संख्या के विशेषण
- मात्रात्मक विशेषण
(वी)। अभिन्न
जिन शब्दों में लिंग, शब्द, कारक के आधार पर मूल शब्द में कोई परिवर्तन नहीं होता अर्थात् मूल शब्द अपरिवर्तित रहता है, उसे अव्यय कहते हैं।
उदाहरण:- आज, कल, यहाँ, वहाँ, पर, पर, जब तक, अब तक, क्यों, इसलिए, किसलिए, इसलिए, अभी।
क्रियाविशेषण चार प्रकार के होते हैं।
- क्रिया विशेषण
- संबंधवाचक खंड
- संयोजक
- विस्मयादिबोधक क्रिया विशेषण
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