Hindi, asked by anitakapoor974, 9 months ago

siti vastro ki sut dene vali company ka vigyapan banye jo phachan ptr dikha par vidhathrio Ko DS partisat ki shut degi​

Answers

Answered by ranyodhmour892
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Answer:

उपभोक्तावाद की संस्कृति ‘ पाठ के लेखक डॉ० श्याम चरण दुबे हैं। इस पाठ में लेखक ने विज्ञापनों की चमक दमक से प्रभावित होकर खरीदारी करने वालों को सचेत किया है कि इस प्रकार गुणों पर ध्यान न देकर बाहरी दिखावे से प्रभावित होकर कुछ खरीदने की आदत से समाज में दिखावे को बढ़ावा मिलेगा तथा हर जगह अशांति और विषमता फैल जाएगी। एक दूसरे को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।ईर्ष्या की भावना समाज में अशांति को बढ़ावा दे रही है।

उत्तर :-

आज की उपभोक्तावादी संस्कृति हमारे दैनिक जीवन को बहुत अधिक प्रभावित कर रही है। लोग अधिक से अधिक उत्पादों का आनंद लेने में सुख़ अनुभव करने लगे हैं।लोग प्रत्येक वस्तु विज्ञापनों से प्रभावित होकर खरीदते हैं । वे वस्तु के गुण- अवगुण का विचार किए बिना ही उस वस्तु के प्रचार से प्रभावित हो जाते हैं। वे बहुविज्ञापित वस्तु खरीदने में ही अपनी विशिष्टता अनुभव करते हैं। हमारी स्थिति ऐसी हो गई है कि हमारा जीवन उत्पाद को ही समर्पित हो गया है।समाज के लोगों का इस प्रकार भोग प्रदान होने के कारण नित्य प्रतिदिन हमारी संस्कृति तथा पहचान में गिरावट आ रही है।

Pls mark as a brain list kr diyo ans

Answered by shrutisharma4567
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